आगरा, 21 जून।
कमिश्नरेट आगरा में कानून-व्यवस्था और जनसुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से अपर पुलिस आयुक्त श्री राम बदन सिंह ने एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह आदेश 21 जून 2025 से 20 अगस्त 2025 तक प्रभावी रहेगा या जब तक इसे पूर्व में निरस्त न कर दिया जाए।
इस आदेश के अंतर्गत कमिश्नरेट क्षेत्र में संचालित होटल, रेस्टोरेंट्स, गेस्ट हाउस, नाइट क्लब, बार, मॉल, डिस्कोथेक, पब, लॉजिंग हाउस, बोर्डिंग/ईटिंग हाउस व फार्म हाउस के मैनेजरों एवं संचालकों को कड़ा पाबंद किया गया है।
क्या हैं आदेश के प्रमुख बिंदु:
रात 12 बजे के बाद कोई भी गतिविधि प्रतिबंधित रहेगी।
रात 10 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्रों (डीजे, लाउडस्पीकर आदि) के प्रयोग पर रोक लगाई गई है।
नशीले एवं प्रतिबंधित पदार्थों के प्रयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अभियोग चलाया जाएगा।
क्यों उठाया गया यह कदम?
अपर पुलिस आयुक्त श्री राम बदन सिंह के अनुसार, आगरा तेजी से महानगरीय संस्कृति की ओर अग्रसर हो रहा है। मनोरंजन स्थलों में युवाओं का अत्यधिक जमावड़ा, देर रात तक पार्टियां, तेज आवाज में डीजे और शराब/नशे के सेवन की बढ़ती घटनाओं ने कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है।
शहर में पढ़ाई के लिए आए छात्र-छात्राओं में इन गतिविधियों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है, जिससे अपराध की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। इससे आसपास रहने वाले नागरिकों की शांति भंग हो रही है और ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि हो रही है।
राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण:
श्री सिंह ने यह भी बताया कि दिल्ली व कर्नाटक जैसे राज्यों में इस प्रकार की गतिविधियों के लिए स्पष्ट नियम व अधिसूचनाएं लागू हैं। वहां संबंधित लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा समयसीमा, संचालन नियम व लाइसेंस अनिवार्य किए गए हैं। आगरा में ऐसे स्पष्ट प्रावधानों की अनुपस्थिति का फायदा कई संचालक उठा रहे हैं।
एकपक्षीय आदेश की वजह:
आदेश में यह भी उल्लेख है कि इस निषेधाज्ञा को जनहित में तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है और संबंधित व्यक्तियों को अलग से सूचना देना संभव नहीं था, इसलिए इसे एकपक्षीय आदेश के रूप में पारित किया गया है।
प्रशासन की सख्त चेतावनी:
पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कोई भी संस्था या व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आगरा के युवाओं और नागरिकों में तेजी से पनपती महानगरीय संस्कृति के बीच यह कदम प्रशासन की सुरक्षा, शांति और अनुशासन के प्रति सजगता को दर्शाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह आदेश शहर में कानून व्यवस्था और सामाजिक शांति को किस हद तक बहाल कर पाता है।