22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार और भारतीय सेना एक्शन मोड में दिखाई दे रही हैं। इस हमले के तुरंत बाद, सरकार ने जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार भी इस दौरान अपनी सक्रियता दिखा रही है। सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ कदम उठाते हुए आज आतंकवादी आदिल गौरी का दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के बिजबिहाड़ा इलाके में स्थित घर नष्ट कर दिया है। इसके अलावा, कश्मीर के त्राल क्षेत्र में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी आसिफ फौजी उर्फ आसिफ शेख के घर को भी ध्वस्त कर दिया गया है।
इस कार्रवाई के तहत लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों में से दो के घरों को बुलडोजर से ढहा दिया गया। इन आतंकवादियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमला कर 27 लोगों की हत्या कर दी थी। भारतीय सेना और पुलिस की यह कार्रवाई आतंकवादियों के खिलाफ उनके ठिकानों को निशाना बनाते हुए की जा रही है।
पुलिस ने जारी किए आतंकवादियों के स्केच
इस आतंकी हमले के संदिग्धों की पहचान के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों के स्केच जारी किए हैं। पुलिस ने तीन आतंकवादियों के स्केच जारी करते हुए इनके खिलाफ 20-20 लाख रुपये के इनाम का एलान किया है। ये स्केच प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर बनाए गए हैं और जिनमें आसिफ फौजी (आसिफ शेख), सुलेमान शाह और अबू तल्हा के नाम शामिल हैं। इन तीन आतंकवादियों के कोड नाम मूसा, यूनुस और आसिफ थे। यह तीनों आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) के सदस्य थे। इन लोगों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिससे 27 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी।
लश्कर-ए-तैयबा का हाथ, सैफुल्लाह कसूरी मास्टरमाइंड
यह माना जा रहा है कि 22 अप्रैल के इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) का हाथ था, हालांकि इस दावे की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है। इसके अलावा, लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद को इस हमले का 'मास्टरमाइंड' माना जा रहा है। यह हमला पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा कश्मीर को 'गले की नस' बताते हुए दिए गए बयान के बाद हुआ था, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
पाक सेना प्रमुख के विवादास्पद बयान पर भारत की प्रतिक्रिया
जनरल मुनीर ने 16 अप्रैल को इस्लामाबाद में एक भाषण के दौरान कहा था, “कश्मीर हमारी गले की नस है और रहेगा, हम इसे नहीं भूलेंगे।” इस बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि “कोई विदेशी चीज गले की नस में कैसे फंस सकती है? कश्मीर भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और इसका पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं है, सिवाय उस क्षेत्र के जो पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।”
भारत सरकार की यह सख्त प्रतिक्रिया कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ जारी कार्रवाई की गंभीरता को और मजबूत करती है, साथ ही यह संदेश भी देती है कि भारत अपनी संप्रभुता के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।