हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने एक कड़ा फैसला लेते हुए भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानियों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। इसके तहत चाहे वह व्यक्ति मेडिकल वीजा पर आया हो, धार्मिक यात्रा पर हो, किसी भारतीय नागरिक से विवाह कर भारत में रह रहा हो या फिर परिवार से मिलने आया हो, सभी को भारत छोड़कर वापस पाकिस्तान लौटने का आदेश दिया गया है।
इस फैसले का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ा है जो वर्षों से भारत में अपने परिवारों के साथ रह रहे थे। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में सबसे ज्यादा चर्चा में है सीमा हैदर — वह पाकिस्तानी महिला जो 2023 में नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई और उत्तर प्रदेश के सचिन मीणा से शादी कर उसके साथ रह रही है।
सीमा हैदर की नागरिकता की मांग
सीमा हैदर ने अब भारत सरकार से भारतीय नागरिकता की मांग की है। उसके वकील ए.पी. सिंह के माध्यम से सीमा ने गुहार लगाई है कि उसे और उसके बच्चों को पाकिस्तान न भेजा जाए। सीमा का कहना है कि वह अपने चार बच्चों के साथ भारत में ही रहना चाहती है और अपने पति सचिन मीणा के साथ जीवन बिताना चाहती है।
एपी सिंह ने कहा कि सीमा अब भारत की संस्कृति और सभ्यता में रच-बस चुकी है। उसका पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं बचा है और वह अब अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए भारत में ही रहना चाहती है। इस बीच सरकार की चुप्पी और कार्रवाई को लेकर कई पक्ष और विपक्षी स्वर उठने लगे हैं।
पाकिस्तानी पति की आपत्ति
जहां सीमा हैदर भारत में बसने की अपील कर रही है, वहीं उसके पाकिस्तानी पति गुलाम हैदर के वकील मोमिन मलिक ने सीमा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सीमा ने भारत में अवैध रूप से प्रवेश किया है, और अब वह भारत में रहकर अपने लिए विशेष दर्जा मांग रही है जो कानून के खिलाफ है।
मोमिन मलिक ने हरियाणा के पानीपत में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जब भारत सरकार सभी पाकिस्तानियों को वापस भेज रही है, तो सीमा को इस नियम से छूट क्यों दी जा रही है? वह अवैध रूप से नेपाल के रास्ते भारत में घुसी थी। उस पर पहले से ही कानूनी कार्रवाई हुई है और वह अभी जमानत पर है। उसके पास न भारत की नागरिकता है, न वीजा, और न ही कोई वैध दस्तावेज।
सुरक्षा को बताया खतरा
मोमिन मलिक ने यह भी दावा किया कि सीमा हैदर देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है। उन्होंने कहा कि वह भारतीय सिम कार्ड से पाकिस्तान में रिश्तेदारों से संपर्क करती होगी, जिससे संवेदनशील सूचनाएं लीक हो सकती हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीमा के कश्मीर में कुछ लोगों से संपर्क हैं, और यह उसने खुद एक वीडियो में स्वीकार किया था।
उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि सीमा की जमानत रद्द की जाए और उसे तुरंत पाकिस्तान डिपोर्ट किया जाए। उनका तर्क है कि यदि देश की सुरक्षा से कोई समझौता किया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
सरकार की मुश्किलें
भारत सरकार के सामने अब एक संवेदनशील और जटिल मामला खड़ा हो गया है। एक ओर तो राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और आतंकी हमले के बाद लिए गए फैसले को पूरी सख्ती से लागू किया जा रहा है। दूसरी ओर सीमा हैदर जैसे मामले मानवीय और सामाजिक दृष्टिकोण से भी संवेदनशील हैं, जिनमें बच्चों का भविष्य, महिला अधिकार, और अंतर-देशीय विवाह जैसे पहलू जुड़े हुए हैं।
निष्कर्ष
सीमा हैदर का मामला केवल एक महिला का भारत में बसने का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, मानवाधिकार और भारत-पाकिस्तान संबंधों के एक नए अध्याय की तरह बन गया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार इस मामले में किस दिशा में कदम उठाती है—क्या वह कानून की सख्ती दिखाएगी या मानवीय आधार पर कोई अपवाद बनाएगी?