जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है। हर भारतीय नागरिक पाकिस्तान से इस हमले का बदला लेने की मांग कर रहा है। लेकिन इसी बीच एक सुकून देने वाली तस्वीर सामने आ रही है। भारत के मिनी स्विजरलैंड कहे जाने वाले पहलगाम में जिंदगी फिर से पटरी पर लौट रही है। आतंकी साजिशों को नाकाम करते हुए घाटी के लोगों ने फिर से घरेलू और विदेशी पर्यटकों का स्वागत करना शुरू कर दिया है। हालाँकि, पर्यटकों की संख्या अभी भी पहले जैसी नहीं है, लेकिन माहौल में एक सकारात्मक ऊर्जा दिखाई दे रही है।
"कश्मीर अब सुरक्षित है"
हमले के बाद भी गुजरात, कोलकाता, बेंगलुरु और विदेशों से लोग पहलगाम की वादियों में छुट्टियां मनाने पहुँच रहे हैं। इंडिया टुडे से बातचीत में कोलकाता और बेंगलुरु से आए पर्यटकों ने घाटी की सुरक्षा व्यवस्था पर भरोसा जताया। कोलकाता से आए एक टूरिस्ट ने कहा, "कश्मीर अब पूरी तरह सुरक्षित है। बाजार खुले हैं, होटल और पर्यटन स्थल सक्रिय हैं और टूरिस्टों की सुरक्षा के लिए हर संभव व्यवस्था की गई है। हमें यहाँ किसी तरह का डर महसूस नहीं हो रहा।"
उनका यह विश्वास दिखाता है कि आतंक के डर के बावजूद आम लोग कश्मीर के प्रति अपने प्रेम और समर्थन में कोई कमी नहीं आने दे रहे हैं।
"चिंता की कोई बात नहीं"
एएनआई से बातचीत में गुजरात के सूरत से आए मोहम्मद अनस ने बताया कि पहलगाम में कारोबार फिर से पटरी पर लौट रहा है। उन्होंने कहा, "भारतीय सेना, सरकार और स्थानीय लोग हमारी सुरक्षा में पूरी तरह से मुस्तैद हैं। हमें यहाँ चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।"
अनस ने यह भी स्वीकार किया कि हमले के तुरंत बाद वे डरे हुए थे और वापस लौटने का मन बना रहे थे, लेकिन स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों ने उन्हें भरोसा दिलाया और प्रेरित किया कि डर के आगे जीत है। अब वे पहलगाम की खूबसूरत वादियों का आनंद ले रहे हैं।
"यहाँ के लोग बेहद दयालु हैं"
क्रोएशिया से आई एक महिला पर्यटक ने भी पहलगाम की शांति और सुरक्षा का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वह पिछले 3-4 दिनों से यहाँ हैं और उन्हें कभी भी असुरक्षा का एहसास नहीं हुआ। उन्होंने भारत की सुंदरता की तारीफ करते हुए कहा, "भारत एक बेहद खूबसूरत देश है। यहाँ के लोग बहुत दयालु और मददगार हैं। कश्मीर विशेष तौर पर बेहद शांत और सुरम्य है।"
विदेशी पर्यटकों का यह भरोसा दुनिया को यह संदेश देता है कि कश्मीर न केवल सुंदर है, बल्कि सुरक्षित भी है।
आतंकी हमले का मकसद और बॉलीवुड का संदेश
इस बीच बॉलीवुड अभिनेता अतुल कुलकर्णी भी पहलगाम पहुंचे। उन्होंने श्रीनगर से सीधे पहलगाम आकर आतंकी हमले के बाद का माहौल खुद देखा। ANI से बातचीत में अतुल कुलकर्णी ने कहा, "आतंकी हमलों का मकसद यही होता है कि टूरिस्ट डर जाएं और कश्मीर न आएं। लेकिन अगर हम डरकर कश्मीर घूमने का प्लान रद्द कर देंगे तो आतंकियों का मकसद पूरा हो जाएगा। हमें ऐसा नहीं होने देना चाहिए।"
अतुल कुलकर्णी का यह बयान उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है जो आतंक के डर से कश्मीर की सुंदरता से खुद को वंचित कर रहे हैं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकी हमले के बावजूद स्थानीय लोगों का जज्बा, भारतीय सेना की मुस्तैदी और देश-विदेश से आ रहे पर्यटकों का भरोसा एक नई उम्मीद की कहानी लिख रहा है। आतंक का मकसद घाटी में डर का माहौल बनाना था, लेकिन भारतवासियों के हौसले ने आतंकवादियों के इरादों को करारा जवाब दिया है। कश्मीर की वादियाँ फिर से टूरिस्टों की मुस्कान से गुलजार हो रही हैं और पूरी दुनिया को यह संदेश दे रही हैं कि आतंक पर इंसानियत की जीत हमेशा होती है।