चेन्नई: बंगाल की खाड़ी से उठा भीषण चक्रवाती तूफान 'दितवाह' (Cyclone Ditwah) अब भारत के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है। इसके मद्देनज़र तमिलनाडु का प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है। भारी बारिश की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए चेन्नई, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम समेत तीन ज़िलों में स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय तेज बारिश और निचले इलाकों में जलभराव की संभावना को देखते हुए लिया गया है।
राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने लोगों से सावधानी बरतने, अनावश्यक यात्रा से बचने और राज्य सरकार तथा आपदा प्रबंधन एजेंसियों द्वारा जारी की जा रही सभी सलाहों (एडवाइजरी) का अनिवार्य रूप से पालन करने का आग्रह किया है। मंत्री ने यह भी दुखद जानकारी दी कि राज्य में अब तक साइक्लोन से संबंधित घटनाओं में 3 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
श्रीलंका में भयंकर तबाही, 334 लोगों की मौत
साइक्लोन दितवाह भारत की ओर बढ़ने से पहले श्रीलंका में भयंकर तबाही मचा चुका है। श्रीलंका में अब तक इस तूफान से संबंधित घटनाओं में 334 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है। देश की राजधानी कोलंबो के कई हिस्से अब भी बाढ़ के पानी से जूझ रहे हैं और सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित है। इस भयंकर आपदा के बाद भारत ने अपने पड़ोसी देश की मदद के लिए तुरंत 'ऑपरेशन सागर बंधु' शुरू किया। इस मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) मिशन के तहत, भारत ने श्रीलंका को 53 टन राहत सामग्री भेजी है।
'ऑपरेशन सागर बंधु': भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ
28 नवंबर को, भारत ने चक्रवात की भयंकरता को देखते हुए श्रीलंका को तत्काल खोज और बचाव (Search and Rescue) तथा HADR सहायता देने के लिए 'ऑपरेशन सागर बंधु' लॉन्च किया था। इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस विक्रांत पर तैनात चेतक हेलीकॉप्टरों और भारतीय वायु सेना (IAF) के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने श्रीलंकाई वायु सेना के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर बचाव कार्य किए। इन संयुक्त ऑपरेशनों के दौरान, बाढ़ और भूस्खलन में फंसे हुए हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर एयरलिफ्ट किया गया। बचाए गए लोगों में गर्भवती महिलाएं, बच्चे और गंभीर रूप से घायल लोग शामिल थे।
भारत द्वारा चलाए गए इस बचाव अभियान में श्रीलंका के अलावा भारत, जर्मनी, स्लोवेनिया, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, पोलैंड, बेलारूस, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित कई देशों के नागरिक शामिल थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया। यह भारत की 'पड़ोसी पहले' की नीति और क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता की भूमिका को दर्शाता है।
तमिलनाडु में व्यापक तैयारी
तमिलनाडु में प्रशासन ने संभावित भारी बारिश और तेज हवाओं से निपटने के लिए तटीय जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमों को तैनात कर दिया है। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने और अस्थायी राहत शिविर स्थापित करने की तैयारियां जोरों पर हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 से 48 घंटों में तमिलनाडु के तटीय इलाकों में अत्यधिक भारी वर्षा और तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान जारी किया है। प्रशासन लगातार मौसम की निगरानी कर रहा है और लोगों से अपील की गई है कि वे समुद्र तटों और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें।