पटना: बिहार विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) पद के लिए भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने सोमवार को विधानसभा सचिवालय में अपना नामांकन दाखिल कर दिया। उनके नामांकन के साथ ही, 18वीं बिहार विधानसभा के नए स्पीकर के रूप में उनका निर्विरोध चयन लगभग निश्चित माना जा रहा है।
प्रेम कुमार का निर्विरोध निर्वाचन इसलिए संभव हुआ है, क्योंकि विपक्षी गठबंधन 'महागठबंधन' ने स्पीकर पद के लिए अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन के पास सिर्फ 35 विधायक हैं, जो सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सामने किसी भी प्रतिस्पर्धा के लिए पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में, सत्ता पक्ष की ओर से केवल एक ही नामांकन होने के कारण डॉ. प्रेम कुमार का निर्वाचन बिना किसी मुकाबला के हो जाएगा। स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि सोमवार शाम 3 बजे तक थी, जिसमें केवल डॉ. प्रेम कुमार ने ही अपना पर्चा भरा।
औपचारिक निर्वाचन मंगलवार को
हालांकि, निर्विरोध चयन लगभग तय है, लेकिन स्पीकर का औपचारिक निर्वाचन मंगलवार को विधानसभा के पटल पर होगा। मंगलवार तक उम्मीदवारों को अपना नाम वापस लेने का समय दिया गया है, और नाम वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद ही प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव की अध्यक्षता में स्पीकर के निर्वाचन की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। एनडीए गठबंधन के भीतर पहले से ही यह सहमति बन चुकी थी कि नए विधानसभा अध्यक्ष का पद भाजपा को मिलेगा, जबकि उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) का पद गठबंधन के सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड (JDU) के खाते में जाएगा। डॉ. प्रेम कुमार का नाम भाजपा के सबसे वरिष्ठ और अनुभवी विधायकों में शामिल होने के कारण इस पद के लिए सर्वसम्मति से चुना गया।
कौन हैं डॉ. प्रेम कुमार?
70 वर्षीय डॉ. प्रेम कुमार भाजपा के एक कद्दावर नेता और अत्यंत पिछड़ी जाति (EBC) से आने वाले प्रभावशाली चेहरे हैं। उन्होंने एमए, एलएलबी और पीएचडी की शैक्षणिक योग्यता हासिल की है। उनका राजनीतिक करियर 1990 में शुरू हुआ, जब उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। गया टाउन विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी जय कुमार पालित को हराकर अपनी सियासी पारी का आगाज किया। प्रेम कुमार की वैश्य समाज में भी अच्छी पकड़ मानी जाती है और गया टाउन का जातीय समीकरण हमेशा उनके अनुकूल रहा है, जिसने उनकी लगातार जीत में अहम भूमिका निभाई है।
35 साल से लगातार विधायक
डॉ. प्रेम कुमार भाजपा के सबसे वरिष्ठ और अनुभवी विधायकों में से एक हैं। वह अपने निर्वाचन क्षेत्र गया टाउन से लगातार 35 वर्षों से विधायक बन रहे हैं। यह एक दुर्लभ उपलब्धि है, जिसमें वह लगातार 9 बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं।
अपने इतने लंबे और सफल राजनीतिक करियर में, डॉ. प्रेम कुमार ने पार्टी संगठन के भीतर कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं और विभिन्न सरकारों में मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। उनका लगातार नौवीं बार एक ही क्षेत्र से विधायक बनना उनकी क्षेत्रीय लोकप्रियता और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है। उनके व्यापक विधायी अनुभव को देखते हुए, उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपना एनडीए का एक अनुभवी फैसला माना जा रहा है। डॉ. प्रेम कुमार अब बिहार विधानसभा के सत्रों को सुचारू रूप से चलाने, सदन के नियमों का पालन सुनिश्चित करने और सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के बीच संतुलन बनाए रखने की अहम जिम्मेदारी संभालेंगे।