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UPI ID भी अपनों से कर सकेंगे शेयर, क्या है यूपीआई सर्किल, जिससे होगा ये आसान

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Posted On:Saturday, April 26, 2025

भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हो रही है, और वह है यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की सहायक सुविधा UPI सर्किल। जहां एक तरफ UPI ने भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन को सरल और सुरक्षित बना दिया है, वहीं कुछ लोग अभी भी ऑनलाइन भुगतान के प्रति संकोच करते हैं। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की सहायक कंपनी NPCI BHIM सर्विसेज लिमिटेड (NBSL) ने UPI सर्किल की शुरुआत की है, जो न केवल UPI लेन-देन को और भी सुरक्षित और विश्वसनीय बनाती है, बल्कि यूजर्स को साइबर धोखाधड़ी से भी बचाती है।

क्या है UPI सर्किल?

UPI सर्किल एक नई और उन्नत सुविधा है, जो यूजर्स को अपने UPI एक्सेस को विश्वसनीय परिवार के सदस्य या दोस्तों के साथ सुरक्षित रूप से साझा करने का मौका देती है। इसके तहत, प्राथमिक UPI उपयोगकर्ता अपनी UPI ऐप की पूरी या आंशिक पहुँच द्वितीयक उपयोगकर्ताओं को प्रदान कर सकते हैं। इससे उपयोगकर्ता को यह सुनिश्चित करने का अवसर मिलता है कि उनके द्वारा किए गए लेन-देन पर पारदर्शिता और निगरानी है, क्योंकि हर लेन-देन की निगरानी प्राथमिक उपयोगकर्ता द्वारा की जाती है।

UPI सर्किल का उपयोग करने से साइबर धोखाधड़ी के खतरे को कम किया जा सकता है, क्योंकि यह सुविधा विशेष रूप से विश्वसनीय उपयोगकर्ताओं के बीच ही शेयर की जाती है, जिससे कि उनके द्वारा किए गए हर लेन-देन की पुष्टि प्राथमिक उपयोगकर्ता से होती है।

UPI सर्किल के प्रमुख फीचर्स

  1. पूर्ण और आंशिक प्रत्यायोजन: UPI सर्किल में दो प्रकार के प्रत्यायोजन की सुविधा है:

    • पूर्ण प्रत्यायोजन: इसमें, प्राथमिक उपयोगकर्ता द्वितीयक उपयोगकर्ता को पहले से तय सीमा के भीतर पूरी UPI एक्सेस प्रदान करता है, जिससे द्वितीयक उपयोगकर्ता UPI लेन-देन शुरू कर सकता है और उसे पूरा भी कर सकता है।

    • आंशिक प्रत्यायोजन: इसमें, द्वितीयक उपयोगकर्ता को भुगतान अनुरोध करने से पहले UPI पिन के जरिए प्राथमिक उपयोगकर्ता से पुष्टि की आवश्यकता होती है।

  2. सीमित द्वितीयक उपयोगकर्ता: एक प्राथमिक यूजर अधिकतम 5 द्वितीयक यूजर्स को अपनी UPI एक्सेस प्रदान कर सकता है। यह द्वितीयक यूजर्स केवल एक ही प्राथमिक यूजर से अधिकार प्राप्त कर सकते हैं, जिससे किसी एक उपयोगकर्ता का नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिलती है।

  3. बिना बैंक खाता जुड़वाए: ध्यान देने योग्य बात यह है कि द्वितीयक यूजर्स को UPI से जुड़े अपने बैंक खातों की आवश्यकता नहीं होती है। इसका मतलब है कि द्वितीयक यूजर्स को सीधे बैंक खाता नहीं जोड़ने की जरूरत नहीं होती, जो कि इसे और भी उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाता है।

भीम ऐप पर UPI सर्किल का इस्तेमाल कैसे करें?

भले ही UPI सर्किल एक नई सुविधा है, इसे इस्तेमाल करना बेहद आसान है। अगर आप BHIM ऐप के यूजर हैं तो नीचे दिए गए सरल चरणों का पालन करके आप इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं:

  1. BHIM ऐप इंस्टॉल करें: सबसे पहले, अपने मोबाइल फोन के प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से नया BHIM ऐप डाउनलोड करें।

  2. UPI सर्किल सेक्शन को चुनें: ऐप इंस्टॉल करने के बाद, होम स्क्रीन या मेनू से UPI सर्किल सेक्शन चुनें।

  3. द्वितीयक उपयोगकर्ता जोड़ें: इसके बाद, ‘एड सेकेंडरी यूजर’ पर क्लिक करें। यहां पर आप द्वितीयक उपयोगकर्ता की UPI आईडी दर्ज कर सकते हैं या उनका QR कोड स्कैन कर सकते हैं।

  4. प्रतिनिधिमंडल का प्रकार चुनें: एक बार जब द्वितीयक यूजर को आपके अनुरोध का नोटिफिकेशन प्राप्त हो, तो वे इसे स्वीकार कर सकते हैं। आप उन्हें पूर्ण या आंशिक अधिकार प्रदान कर सकते हैं।

  5. लेन-देन शुरू करें: जब द्वितीयक उपयोगकर्ता अधिकार स्वीकार कर लेते हैं, तो वे प्राथमिक उपयोगकर्ता के खाते का इस्तेमाल करके लेन-देन शुरू कर सकते हैं।

UPI सर्किल से UPI के लेन-देन में सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ेगी

UPI सर्किल के द्वारा प्राप्त किया गया सबसे बड़ा लाभ सुरक्षा और पारदर्शिता है। विशेष रूप से परिवार के सदस्य या दोस्त, जो एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, वे इस प्रणाली का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे न केवल उनका विश्वास बढ़ेगा बल्कि ऑनलाइन लेन-देन करते समय उनके मन में उत्पन्न होने वाली असुरक्षा की भावना भी खत्म होगी।

यह सुविधा उन लोगों के लिए एक आदर्श समाधान साबित हो सकती है जो किसी कारणवश ऑनलाइन भुगतान से हिचकिचाते हैं और उनके लिए सुरक्षित और निगरानी वाली लेन-देन प्रक्रिया महत्वपूर्ण होती है।

UPI सर्किल का प्रभाव और भविष्य

UPI सर्किल की शुरुआत भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है। यह न केवल UPI के उपयोग को बढ़ावा देती है, बल्कि इसके साथ ही सुरक्षा और विश्वसनीयता के साथ एक नया डिजिटल भुगतान मॉडल प्रस्तुत करती है। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि भारत में डिजिटल भुगतान के प्रयोग में वृद्धि होगी, साथ ही साथ साइबर सुरक्षा से जुड़े डर भी कम होंगे।

भारत में डिजिटल भुगतान की बढ़ती हुई स्वीकार्यता और अब UPI सर्किल की शुरुआत, देश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर एक कदम और आगे बढ़ाएगी। डिजिटल भुगतान प्रणाली को सुरक्षित, सरल और विश्वसनीय बनाने के लिए किए गए ये प्रयास एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था को और भी मजबूती प्रदान करेंगे।

निष्कर्ष

UPI सर्किल एक ऐसा कदम है जो भारतीयों को डिजिटल भुगतान के मामले में और भी आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा। इसके द्वारा जो सुरक्षा, पारदर्शिता और नियंत्रण प्रदान किया जा रहा है, वह निश्चित ही डिजिटल भुगतान के भविष्य को और भी बेहतर बना सकता है। UPI सर्किल को लेकर जो उत्साह और विश्वास देखा जा रहा है, वह भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र को नए ऊँचाईयों तक ले जाने के लिए तैयार है।


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