मुंबई, 21 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जयपुर के सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय में इलाज में लापरवाही के कारण एक महिला की जान चली गई। जानकारी के मुताबिक, 26 वर्षीय तरूणा को 19 अगस्त की दोपहर ऑपरेशन के जरिए बच्चे को जन्म देने के बाद लगातार ब्लीडिंग होने लगी। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ को बार-बार बताने के बावजूद किसी ने समय रहते इलाज नहीं किया। रातभर हालत बिगड़ती रही और सुबह तक स्थिति गंभीर हो गई। तरूणा के पति विनोद ने बताया कि 20 अगस्त की सुबह जब सीनियर डॉक्टर पहुंचे, तब उन्होंने बच्चेदानी निकालने का फैसला किया। दोपहर बाद ऑपरेशन भी हुआ, लेकिन इसके बाद पत्नी को आईसीयू में शिफ्ट करने के बजाय कॉटेज वार्ड में रखा गया। परिजनों के अनुसार इस दौरान 20 यूनिट तक ब्लड चढ़ाया गया, लेकिन खून रुक न पाने और हीमोग्लोबिन लगातार गिरते रहने से हालत संभल नहीं सकी और 21 अगस्त की सुबह उसकी मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी और शव को एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी भेज दिया।
मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग बंद नहीं हो रही हो तो 2-3 घंटे के भीतर उचित इलाज जरूरी होता है। देरी होने पर महिला डिसेमिनेटेड इंट्रावस्कुलर कोएगुलेशन (DIC) में चली जाती है, जिससे खून जमने की क्षमता खत्म हो जाती है और मल्टीपल ऑर्गन्स फेल हो जाते हैं। इस पूरे मामले पर फिलहाल अस्पताल अधीक्षक डॉ. आशा वर्मा ने कोई टिप्पणी नहीं की है। वहीं, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि उन्हें इस घटना की सूचना मिली है और उन्होंने गायनी विभाग की एचओडी और अस्पताल अधीक्षक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद अगर किसी की लापरवाही सामने आती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।