ताजा खबर

‘भारत को रूस नहीं अमेरिका की जरूरत’, यूएस के इस अधिकारी ने बोला भारत पर हमला

Photo Source :

Posted On:Tuesday, September 2, 2025

अमेरिकी सरकार के पूर्व ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है। इस बार उनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई SCO (शंघाई सहयोग संगठन) समिट की बैठक रही। नवारो ने इस मुलाकात को "शर्मनाक" करार देते हुए कहा कि भारत को रूस नहीं, अमेरिका की जरूरत है


“भारत को अमेरिका के साथ खड़ा होना चाहिए” – पीटर नवारो

वारो ने अमेरिकी मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता (मोदी) का तानाशाहों पुतिन और शी जिनपिंग के साथ मंच साझा करना बेहद चौंकाने वाला और शर्मनाक है।” उनका कहना था कि भारत को अब यह तय करना होगा कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ खड़ा रहना चाहता है या तानाशाही देशों के साथ।

नवारो ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत को मास्को से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए और रूस के साथ रणनीतिक साझेदारी पर पुनर्विचार करना चाहिए


तेल खरीद को लेकर जताई नाराजगी

पीटर नवारो ने भारत द्वारा रूस से डिस्काउंटेड रेट पर कच्चा तेल खरीदने को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इससे भारत रूस की आर्थ‍िक रूप से मदद कर रहा है, जिससे यूक्रेन में युद्ध को और ईंधन मिल रहा है। उन्होंने इस नीति को “मुनाफाखोरी” करार देते हुए कहा कि भारत की यह रणनीति अमेरिका और उसके सहयोगियों के भरोसे को तोड़ने वाली है।


भारत को दी नसीहत

नवारो ने पीएम मोदी को सलाह देते हुए कहा, “भारत को अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन के साथ खड़ा होना चाहिए। यह वक्त है जब भारत को अपने साफ-सुथरे स्टैंड का प्रदर्शन करना चाहिए। विश्व की स्थिति नाजुक है, और ऐसे में एक लोकतांत्रिक राष्ट्र को तानाशाहों के साथ नहीं दिखना चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत चीन और रूस के साथ अधिक नजदीकी बनाता है, तो इससे अमेरिका-भारत संबंधों में दरार आ सकती है।


पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान

यह पहली बार नहीं है जब पीटर नवारो ने भारत पर हमला बोला है। इससे पहले भी उन्होंने तियानजिन में हुई मोदी-जिनपिंग की मुलाकात पर टिप्पणी करते हुए ब्राह्मण समुदाय पर भी विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि “ब्राह्मण भारत के लोगों की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं, और यही वजह है कि भारत रूस और चीन के करीब जा रहा है।”

उनका यह बयान जातीय आधार पर विभाजन फैलाने वाला माना गया और इसकी काफी आलोचना भी हुई थी।


अमेरिका की नीति और भारत की रणनीति में टकराव

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से संपर्क सीमित करे और चीन के खिलाफ एक मोर्चा बनाए। लेकिन भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को बनाए रखना चाहता है, और किसी भी खेमे में जाने के बजाय बहुपक्षीय संबंधों को प्राथमिकता देता है।

भारत के दृष्टिकोण से, ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा साझेदारी के लिहाज से रूस एक महत्वपूर्ण साझेदार है, जिसे नजरअंदाज करना फिलहाल उसके लिए संभव नहीं है।

निष्कर्ष

पीटर नवारो के हालिया बयान भारत-अमेरिका के बीच नीति-निर्धारण के स्तर पर असहमति को उजागर करते हैं। जहां अमेरिका भारत से ज्यादा साफ रणनीतिक स्टैंड की उम्मीद कर रहा है, वहीं भारत स्वतंत्र विदेश नीति पर कायम है।

भविष्य में भारत को एक संतुलित कूटनीति के जरिए अमेरिका और रूस दोनों के साथ संबंध बनाए रखने की चुनौती होगी, जबकि अमेरिका को भी भारत की आत्मनिर्भर विदेश नीति को समझने की जरूरत है।


आगरा और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. agravocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.