रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष ने एक बार फिर से विकराल रूप ले लिया है। रविवार को रूस ने यूक्रेन पर एक बड़े पैमाने पर हमले को अंजाम दिया, जिसमें सैकड़ों ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग किया गया। इस हमले की जानकारी यूक्रेनी अधिकारियों ने दी, जिन्होंने बताया कि यह अब तक का सबसे बड़ा और घातक हमला था, जिसने पूरे देश में भारी तबाही मचा दी। इस हमले की रोकथाम में यूक्रेनी वायु सेना के एक F-16 लड़ाकू पायलट की भी जान चली गई, जो अपने विमान को आबादी से दूर लेकर चला गया था ताकि वह नागरिकों की जान बचा सके। इस हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों से तत्काल सैन्य सहायता की मांग की है।
रूस का व्यापक हमला और नुकसान
रूसी सेना ने इस हमले में अत्याधुनिक ड्रोन, क्रूज मिसाइलें और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया। कुल 537 हवाई हमले किए गए, जिनमें से कई ड्रोन और मिसाइलें थे। यह हमला इतनी तीव्रता से हुआ कि यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में भारी तबाही हुई। खासकर ल्वीव जैसे इलाके, जहां आमतौर पर इस तरह के हमले कम होते थे, वहां भी हमलों के निशान दिखे। कीव के लोग सुरक्षा के लिए मेट्रो स्टेशनों में छिप गए ताकि खुद को हमलों से बचा सकें।
पायलट की शहादत
हमले के दौरान यूक्रेनी वायु सेना के एक F-16 लड़ाकू पायलट ने बहादुरी का परिचय दिया। रिपोर्टों के अनुसार, पायलट ने अपने विमान को आबादी वाले इलाके से दूर ले जाकर नियंत्रण करने की कोशिश की ताकि नागरिकों को नुकसान न पहुंचे, लेकिन वह इस प्रक्रिया में अपनी जान गंवा बैठे। इस प्रकार उनकी बहादुरी और देशभक्ति की मिसाल देश-विदेश में प्रशंसा का विषय बनी है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति की सैन्य सहायता की मांग
हमले के बाद राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने एक बार फिर से अमेरिका और पश्चिमी देशों से अधिक से अधिक सैन्य सहायता देने का आग्रह किया। पिछले एक वर्ष में यूक्रेन को अमेरिका निर्मित तीन F-16 लड़ाकू विमान गंवाने पड़े हैं, जिससे यूक्रेनी वायु सेना की ताकत प्रभावित हुई है। जेलेंस्की का कहना है कि इस संघर्ष में सफलता पाने के लिए और अधिक हथियारों और तकनीकी सहायता की आवश्यकता है। वे चाहते हैं कि पश्चिमी सहयोगी उनकी मदद करें ताकि वे रूस के बढ़ते हमलों का प्रभावी मुकाबला कर सकें।
शांति वार्ता की अनिश्चितता
हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मास्को और इस्तांबुल में संभावित शांति वार्ता के संकेत दिए थे, लेकिन इन हालिया हमलों ने शांति प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। युद्ध के इस भयावह दौर में दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है और युद्ध विराम की संभावना फिलहाल दूर नजर आ रही है। यूक्रेन की मांगें और रूस के कड़े रुख के बीच शांति वार्ता की राह कठिन होती जा रही है।
जनता की मुश्किलें
यूक्रेन की जनता इस युद्ध के कारण भयभीत और परेशान है। लगातार हमलों की वजह से लोगों की जान और संपत्ति दोनों को खतरा बना हुआ है। लाखों लोग अपनी जान बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर चुके हैं। कीव समेत कई अन्य शहरों में नागरिक सुरक्षा के लिए बंकर और मेट्रो स्टेशन सुरक्षा केंद्र के रूप में उपयोग किए जा रहे हैं। युद्ध ने देश के नागरिक जीवन को तहस-नहस कर दिया है, और मानवीय संकट गहरा गया है।
निष्कर्ष:
रूस-यूक्रेन युद्ध के इस भीषण दौर में रूसी सेना का बड़ा हमला और यूक्रेनी पायलट की शहादत युद्ध की गंभीरता को दर्शाती है। युद्ध विराम की आशाओं के बीच भी संघर्ष जारी है, और यूक्रेन को पश्चिमी देशों से तत्काल सैन्य सहायता की जरूरत है। इस समय वैश्विक समुदाय की जिम्मेदारी है कि वे युद्ध की तबाही को कम करने और स्थायी शांति स्थापित करने के लिए मध्यस्थता करें, ताकि लाखों निर्दोष लोगों का जीवन सुरक्षित हो सके