गाजा की ओर जा रहे 45 सहायता जहाजों में से 39 जहाजों को इजरायली नेवी ने रोक लिया है। इस कार्रवाई में 4 जहाजों पर छापा मारकर 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, इजरायल ने अभी तक इन कैदियों के खिलाफ कोई हिंसा करने की जानकारी नहीं दी है। यह घटना इजरायली नौसेना की तरफ से एक बड़े सुरक्षा अभियान का हिस्सा मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने नौसेना की प्रशंसा की
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को इस अभियान की सराहना की और गाजा की ओर बढ़ रहे सहायता फ़्लोटिला को रोकने के लिए देश की नौसेना बलों की कुशलता और पेशेवर रवैये की तारीफ की। फ्रांस 24 की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने कहा, "मैं अपने सैनिकों और नौसेना कमांडरों की प्रशंसा करता हूं जिन्होंने योम किप्पुर के पवित्र दिन पर यह मिशन शानदार ढंग से पूरा किया।"
ग्रीक विदेश मंत्री जॉर्ज गेरापेट्रिटिस के अनुसार, इन 45 जहाजों में से 39 को इजरायल के बंदरगाह अशदोद की ओर रोक लिया गया था।
कब्जे में लिए गए जहाजों पर 11 ग्रीक नागरिक सवार थे
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जिन जहाजों को रोका गया, उन पर सवार सभी लोग स्वस्थ हैं और किसी प्रकार की हिंसा नहीं हुई है। हालांकि, फ्लोटिला के ग्रीक आयोजकों ने दावा किया है कि जहाजों पर सवार 11 ग्रीक नागरिक इजरायली अधिकारियों द्वारा अवैध हिरासत के विरोध में भूख हड़ताल पर हैं।
यह फ्लोटिला जलवायु कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का समूह था, जिसमें स्वीडिश कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग भी शामिल थीं।
हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को यूरोप भेजा जाएगा
इजरायल ने यह भी बताया है कि हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को यूरोप भेज दिया जाएगा, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उन्हें किस देश में भेजा जाएगा। इजरायली विदेश मंत्री ने कहा कि हमास-सुमुद के यात्रियों को उनकी नौकाओं से सुरक्षित तरीके से इजरायल पहुंचाया गया है, जहां से उनके निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इससे पहले भी, इजरायली सेना ने गाजा की ओर बढ़ रहे ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला को रोका था और इस अभियान में कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित महिला क्षेत्र की यात्रा रोकना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये 45 जहाज संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित क्षेत्र, गाजा की ओर जा रहे थे। इन जहाजों को इजरायल ने युद्ध क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया, जिससे गाजा के खिलाफ अवैधानिक अभियान विफल हो गया।
ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला में कई राजनेता, जलवायु कार्यकर्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल थे, जो गाजा की मदद के लिए इस यात्रा पर निकले थे। यह अभियान पिछले महीने शुरू हुआ था और इसका मकसद गाजा में फंसे लोगों तक जरूरी सहायता पहुंचाना था।
निष्कर्ष
इजरायली नौसेना द्वारा इस तरह के सख्त कदम उठाने से गाजा में जारी संघर्ष और सहायता पहुंचाने के प्रयासों पर बड़ा असर पड़ा है। हालांकि, हिरासत में लिए गए लोगों के खिलाफ हिंसा की कोई खबर नहीं है, लेकिन उनके लिए स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब इस घटना पर टिकी हैं, और यह देखना बाकी है कि आगे की कार्रवाई किस दिशा में होगी। गाजा की स्थिति और वहां फंसे लोगों के लिए सहायता पहुंचाना विश्व स्तर पर एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है।