18 जून 2025 | मध्य-पूर्व में छिड़ा युद्ध अब अपने सबसे भयानक दौर में प्रवेश कर चुका है। ईरान और इजराइल के बीच चल रहा संघर्ष अब पूरी तरह से युद्ध का रूप ले चुका है, जिसमें दोनों देश न केवल एक-दूसरे के रणनीतिक ठिकानों को निशाना बना रहे हैं, बल्कि अब इसमें वैश्विक शक्तियों की सक्रियता भी दिखाई देने लगी है।
युद्ध का छठा दिन: बढ़ता खतरा और तबाही
ईरान और इजराइल के बीच इस संघर्ष का आज छठा दिन है, और यह हर दिन के साथ और घातक होता जा रहा है। इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि ईरान की एक परमाणु सुविधा पर हमला हुआ है। यह हमला इजराइली फाइटर जेट्स द्वारा किया गया माना जा रहा है। वहीं, जवाब में ईरान ने तेल अवीव के खुफिया केंद्र और मोसाद के ऑफिस को निशाना बनाते हुए मिसाइलें दागीं।
ईरानी मीडिया के अनुसार, अब तक ईरान में 220 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इजराइल में मरने वालों की संख्या 20 पहुंच गई है। इस हिंसा के बीच दुनिया भर की निगाहें अब इस क्षेत्र की ओर टिक गई हैं।
ट्रंप के ट्वीट और अमेरिका की संभावित एंट्री
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार रात को किए गए तीन धमाकेदार ट्वीट्स में दावा किया कि अमेरिका का अब ईरानी एयरस्पेस पर पूर्ण नियंत्रण है। उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान को अब बिना शर्त आत्मसमर्पण करना होगा।
इसके साथ ही व्हाइट हाउस में नेशनल सिक्योरिटी टीम के साथ एक आपात बैठक भी हुई, जिसमें अमेरिका के मध्य-पूर्व में हस्तक्षेप को लेकर रणनीति बनाई गई। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने अपने यूएई, सऊदी और जॉर्डन स्थित ठिकानों पर तैनात 40 हजार सैनिकों को हाई अलर्ट पर डाल दिया है।
ब्रिटेन भी जंग की तैयारी में
अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भी अब इस युद्ध में सक्रिय भूमिका की तैयारी शुरू कर दी है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ब्रिटेन ने अपने फाइटर जेट्स को मध्य-पूर्व में तैनात कर दिया है। ब्रिटिश रक्षा सचिव ने कहा कि यह कदम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
अली खामेनेई की चेतावनी: "दया नहीं दिखाएंगे"
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार सुबह एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“हैदर महान के नाम पर, युद्ध शुरू होता है।”
इसके बाद उन्होंने एक और पोस्ट में लिखा:
“इजराइल को मजबूत जवाब देना चाहिए। हम इस आतंकवादी शासन पर कोई दया नहीं दिखाएंगे।”
यह संदेश ईरान की पूरी तैयारी और आक्रामक नीति को दर्शाता है, जो अब केवल रक्षा नहीं बल्कि प्रतिकार की रणनीति पर काम कर रही है।
मिसाइल हमले और चेतावनियों की बौछार
ईरान की समाचार एजेंसी "मेहर" ने जानकारी दी है कि बुधवार सुबह ईरान ने ‘फत्ताह मिसाइलें’ दागी, जो इजराइल के गहरे ठिकानों को भेदने में सक्षम हैं। दूसरी ओर, ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स (IRCG) ने हिब्रू भाषा में तेल अवीव के नागरिकों को क्षेत्र खाली करने की चेतावनी दी है — बिलकुल उसी तरह जैसे कुछ दिनों पहले इजराइल ने फारसी में तेहरान के लिए चेतावनी जारी की थी।
इजराइल का पलटवार: मिसाइल फैसिलिटी पर हमला
इजराइली सेना ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान के खोजर क्षेत्र में एक मिसाइल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी और ऑयल डिपो को तबाह किया। इजराइल का दावा है कि ईरान के पास अभी भी करीब 2000 लंबी दूरी की मिसाइलें मौजूद हैं, जो उनके लिए खतरा बनी हुई हैं।
वैश्विक प्रभाव और चिंता
इस युद्ध के चलते विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह संघर्ष और गहराता है, तो होर्मुज जलडमरूमध्य — जो वैश्विक तेल व्यापार का प्रमुख मार्ग है — को ईरान बंद कर सकता है, जिससे दुनिया भर में तेल संकट उत्पन्न हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन ने इस युद्ध को तुरंत रोकने की अपील की है, लेकिन जमीनी हालात इसके विपरीत संकेत दे रहे हैं।
निष्कर्ष: क्या यह क्षेत्रीय संघर्ष वैश्विक युद्ध की तरफ?
ईरान और इजराइल के बीच यह युद्ध अब केवल दो देशों के बीच नहीं रह गया है। अमेरिका और ब्रिटेन की संभावित भागीदारी इसे एक वैश्विक सैन्य संकट में बदल सकती है। जैसे-जैसे यह युद्ध आगे बढ़ रहा है, खतरे का दायरा और भी व्यापक होता जा रहा है।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या राजनयिक प्रयास इस युद्ध को रोक पाएंगे या फिर यह संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध के दरवाजे खोल देगा।
Breaking Updates के लिए जुड़े रहें।