22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन इलाके में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 2 स्थानीय नागरिक भी शामिल थे। इस हमले ने भारतीयों में गहरी नाराजगी और पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश पैदा कर दिया। इसके जवाब में भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए हैं, जिनमें पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा को रद्द करना भी शामिल है।
पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा 27 अप्रैल तक ही मान्य रहेगा। इस दौरान, जो पाकिस्तानी नागरिक चिकित्सा वीजा पर भारत में आए हैं, उन्हें 2 दिन की अतिरिक्त छूट दी गई है और वे 29 अप्रैल तक भारत में रह सकेंगे। इस फैसले के बाद अटारी-वाघा बॉर्डर से पाकिस्तानी नागरिक अपनी मातृभूमि लौटने लगे हैं।
भारत के अन्य प्रमुख फैसले
इसके अलावा भारत सरकार ने कई और कड़े फैसले भी लिए हैं:
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अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट बंद करना: केंद्र सरकार ने अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद करने का निर्णय लिया है, जिससे दोनों देशों के बीच आवागमन पर असर पड़ा है।
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सिंधु जल संधि रद्द करना: भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द करने का भी निर्णय लिया है, जिसे पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
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पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार को निष्कासित करना: पाकिस्तान से भारतीय उच्चायोग के सैन्य सलाहकार को निष्कासित कर दिया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए हैं।
वीजा छूट योजना पर कड़ा रुख
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अब पाकिस्तानियों को दक्षेस वीजा छूट योजना (SVES) के तहत यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत में यात्रा करने की छूट थी, लेकिन अब इसे निलंबित कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) ने यह फैसला लिया। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान से आए हिंदू नागरिकों को दीर्घकालिक वीजा (LTV) पर कोई असर नहीं होगा। ऐसे नागरिकों के वीजा वैध रहेंगे और उन्हें वापस जाने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
अटारी बॉर्डर से वापसी का आदेश
भारत सरकार ने यह भी घोषणा की है कि जिन भारतीय नागरिकों ने वैध दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान यात्रा की है, वे 1 मई तक अटारी बॉर्डर से लौट सकते हैं। अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) के जरिए कई लोग पाकिस्तान वापस लौटने के लिए पहुंचे। इसके साथ ही कई भारतीय नागरिक भी गुरुवार को उसी रास्ते से वापस लौटे।
सार्क वीजा छूट योजना का समापन
भारत ने पाकिस्तान के लिए 1992 में सार्क वीजा छूट योजना लागू की थी। इस योजना के तहत भारत और अन्य सार्क देशों के नागरिकों को बिना वीजा यात्रा की सुविधा थी। हालांकि, अब भारत ने इस योजना को रद्द कर दिया है, जो दर्शाता है कि भारत अपनी सुरक्षा के मामलों में कोई समझौता नहीं करना चाहता है और कूटनीतिक संबंधों को बनाए रखने के बजाय अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है।
निष्कर्ष
भारत सरकार के फैसले पाकिस्तान के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश भेजते हैं कि आतंकवाद को लेकर भारत अब और कोई समझौता नहीं करेगा। पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए इन कड़े कदमों से दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव बढ़ सकता है, लेकिन भारत अपनी सुरक्षा और नागरिकों की जान की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार है।