बुधवार को भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच बढ़त का रुझान देखने को मिला। शुरुआती कारोबार में घरेलू सूचकांकों को वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेतों का सहारा मिला, हालांकि ऊपरी स्तरों से मुनाफावसूली के कारण बाजार की तेजी सीमित हो गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 138 अंकों की हल्की बढ़त के साथ 84,766 अंकों पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 44 अंकों की मजबूती के साथ 25,980 के स्तर पर टिक गया।
सेंसेक्स में बढ़त वाले शेयर
सेंसेक्स के घटकों में एशियन पेंट्स, सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचसीएल टेक, ट्रेंट, टाटा स्टील, अदाणी पोर्ट्स, टाइटन और कोटक बैंक के शेयरों में तेजी रही। दूसरी ओर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) जैसे शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। ब्रॉडर मार्केट की बात करें तो निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 0.04% की मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 0.20% फिसल गया। सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी मेटल इंडेक्स में 0.5% की मजबूती देखने को मिली। वहीं, फाइनेंशियल सर्विसेज, प्राइवेट बैंकिंग और FMCG इंडेक्स भी 0.2% ऊपर बंद हुए।
कैपिटल मार्केट शेयरों में गिरावट
दिन की सबसे बड़ी गिरावट निफ्टी कैपिटल मार्केट इंडेक्स में देखने को मिली, जो करीब 3% टूट गया। नुवामा वेल्थ, मोटिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज, HDFC AMC, 360One WAM, Kfin टेक और आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC जैसे शेयरों में 2.5% से 6% तक की गिरावट दर्ज की गई।
नवंबर सीरीज को लेकर बढ़ा उत्साह
नवंबर डेरिवेटिव सीरीज की शुरुआत निवेशकों के उत्साह के साथ हुई है। अक्टूबर सीरीज में निफ्टी ने 1,325 अंकों की मजबूत छलांग लगाई थी, जबकि बैंक निफ्टी 3,578 अंक चढ़ा था। अगर पिछली दो सीरीज को जोड़ दिया जाए, तो निफ्टी कुल 1,435 अंक और बैंक निफ्टी 4,393 अंक ऊपर जा चुके हैं। मार्च 2025 के बाद यह पहली बार है जब निफ्टी ने किसी सीरीज में 1,000 से अधिक अंकों की बढ़त दर्ज की है। वहीं, बैंक निफ्टी ने अप्रैल 2025 के बाद पहली बार 3,000 से ज्यादा अंकों की छलांग लगाई है, जिससे निवेशकों का भरोसा बाजार में और बढ़ा है।
BFSI इनसाइट समिट 2025 पर नजर
देश के बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र के लिए अहम कार्यक्रम “बिजनेस स्टैंडर्ड BFSI इनसाइट समिट 2025” की शुरुआत आज से हो गई है। इस आयोजन में सरकार, नियामक संस्थाओं, बीमा कंपनियों, बैंकिंग और फिनटेक जगत के दिग्गज शामिल हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सम्मेलन से BFSI सेक्टर की दिशा और नीतियों को लेकर अहम संकेत मिल सकते हैं, जो आने वाले दिनों में बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
वैश्विक बाजारों का रुख
एशियाई बाजारों में बुधवार को मिला-जुला प्रदर्शन देखने को मिला। जापान का निक्केई इंडेक्स 1% से अधिक की बढ़त के साथ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.17% ऊपर रहा। वहीं, ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 महंगाई दर में बढ़ोतरी के कारण 0.16% गिरा। हांगकांग के बाजार अवकाश के कारण बंद रहे। अमेरिकी बाजारों में भी तेजी का रुख कायम रहा, जहां S&P 500, Nasdaq और Dow Jones सभी इंडेक्स नई ऊंचाइयों पर बंद हुए।
घरेलू कंपनियों के नतीजों पर फोकस
निवेशकों की नजर आज आने वाले दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजों पर है। वरुण बेवरेजेज, अपोलो पाइप्स, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, रेलटेल, सीजी पावर, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी, कोल इंडिया, एलएंडटी और एचपीसीएल जैसी बड़ी कंपनियों के नतीजे बाजार की अगली दिशा तय कर सकते हैं।
IPO और कमोडिटी मार्केट की स्थिति
IPO फ्रंट पर आज ऑर्कला इंडिया का मेनलाइन इश्यू खुला है, जबकि गेम चेंजर्स और जयेश लॉजिस्टिक्स के इश्यू के क्रमशः दूसरे और तीसरे दिन की बुकिंग जारी है। निवेशकों के बीच इन नए इश्यूज को लेकर उत्साह बना हुआ है। कमोडिटी बाजार में लगातार तीसरे दिन कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी रही। ब्रेंट क्रूड 2% टूटकर 64.40 डॉलर प्रति बैरल और WTI 60.15 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। सोने में भी कमजोरी दिखी, जहां स्पॉट गोल्ड 0.7% फिसलकर 3,952 डॉलर प्रति औंस और अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 0.9% गिरकर 3,983 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।
कुल मिलाकर, वैश्विक संकेतों की मजबूती और घरेलू कंपनियों के अच्छे नतीजों की उम्मीद ने बाजार को सपोर्ट दिया है। हालांकि, कैपिटल मार्केट और ऑटो सेक्टर में गिरावट से सूचकांकों की तेजी सीमित रही। निवेशकों की नजर अब Q2 रिजल्ट्स और नवंबर सीरीज की शुरुआत पर टिकी है, जो आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करेगी।