भारत सरकार ने 3 सितंबर 2025 को जीएसटी व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की, जिसे "नेक्स्ट-जेन जीएसटी रिफॉर्म" नाम दिया गया है। यह फैसला 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक के दौरान लिया गया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के लिए दिवाली का तोहफा बताया। उन्होंने कहा कि यह बदलाव आम जनता, किसानों और उद्यमियों को राहत देगा और देश की अर्थव्यवस्था को सरल, पारदर्शी और अधिक जनहितैषी बनाएगा।
नई टैक्स संरचना: सिर्फ दो दरें
अब तक जीएसटी की चार मुख्य दरें थीं—5%, 12%, 18% और 28%। नई व्यवस्था में इन्हें घटाकर केवल दो दरों में सीमित कर दिया गया है:
-
5% (कम टैक्स)
-
18% (मानक टैक्स)
इसके अलावा, 'सिन गुड्स' (तंबाकू, शराब, गुटखा आदि) और लक्जरी उत्पादों के लिए एक अलग 40% का उच्च टैक्स स्लैब तय किया गया है।
कौन-कौन सी चीजें हुईं सस्ती?
सरकार ने रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा सामग्री, कृषि उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर जीएसटी दरों में बड़ी कटौती की है:
🏠 घरेलू सामान:
-
साबुन, टूथपेस्ट, हेयर ऑयल: 18% → 5%
-
मक्खन, घी, चीज़: 12% → 5%
-
नमकीन, भुजिया: 12% → 5%
-
बेबी फीडिंग बोतल और डायपर्स: 12% → 5%
🏥 स्वास्थ्य सेवाएं:
-
हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस: 18% → 0%
-
थर्मामीटर, मेडिकल ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट: 12% → 5%
-
चश्मे के लेंस: 12% → 5%
📚 शिक्षा:
🚜 कृषि क्षेत्र:
-
ट्रैक्टर टायर्स, बीज, बायो-पेस्टीसाइड्स: 18%/12% → 5%
-
सिंचाई और खेती-बाड़ी की मशीनें: 12% → 5%
🚗 वाहन व इलेक्ट्रॉनिक्स:
-
छोटी व मिड-सेगमेंट कारें (1200–4000 cc): 28% → 18%
-
मोटरसाइकिल (350 cc तक): 28% → 18%
-
AC, LED टीवी (32 इंच से ऊपर), प्रोजेक्टर: 28% → 18%
क्या-क्या हुआ महंगा?
सरकार ने कुछ ‘सिन गुड्स’ और लक्जरी उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर 40% कर दिया है, ताकि सामाजिक और स्वास्थ्य प्रभावों पर नियंत्रण रखा जा सके।
❌ महंगे हुए सामान:
-
तंबाकू, गुटखा, पान मसाला: 28% → 40%
-
शराब, सॉफ्ट ड्रिंक्स, जुआ: 28% → 40%
-
हाई-एंड कारें (4000 cc से ऊपर): 28% + सेस → 40%
नए दर कब से लागू?
नई जीएसटी दरें 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू होंगी। इससे न केवल उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा, बल्कि उद्योगों को भी इनपुट लागत कम होने का फायदा मिलेगा।
निष्कर्ष: आम जनता को राहत, कारोबार को सहूलियत
जीएसटी में यह बदलाव सरलता, पारदर्शिता और सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है। जहां एक ओर मध्यम और निम्न वर्ग को रोजमर्रा की वस्तुओं में राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों में लागत में भारी कमी आई है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह ‘नेक्स्ट-जेन जीएसटी रिफॉर्म’ भारत के आर्थिक ढांचे को अधिक लोगोन्मुखी और स्थिर बनाएगा।