दिग्गज फिल्ममेकर शेखर कपूर ने अपनी अब तक की सबसे साहसी और अनोखी परियोजना वारलॉर्ड का ऐलान कर दिया है। यह एक साइंस-फिक्शनवेब सीरीज़ है जिसे पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया है। सीरीज़ का टीज़र जारी हो चुका है और इसमें एक ऐसीरहस्यमयी, तकनीक-संचालित दुनिया की झलक मिलती है जो प्यार, विज्ञान और कल्पना के बीच की सीमाओं को धुंधला कर देती है।
कहानी में एक इंटरडायमेंशनल योद्धा है, जो हर बार मौत के करीब पहुंचने पर अपनी प्रेमिका द्वारा एक अलग आयाम (डायमेंशन) में खींच लिया जाताहै। यह कहानी क्वांटम सिद्धांतों, ब्रह्मांडीय ऊर्जा और प्रेम की ताकत से जुड़ी एक जबरदस्त कल्पना पेश करती है। इस ब्रह्मांड की ऊर्जा का स्रोत हैंकुछ रहस्यमयी क्रिस्टल्स — जो न्यूट्रिनोज़ से भी ज्यादा सूक्ष्म कण हैं। ये कण मात्र एक सेकंड के एक करोड़वें के भी एक करोड़वें हिस्से जितने समयके लिए अस्तित्व में रहते हैं। इन क्रिस्टल्स की रक्षा करना ही योद्धाओं का मिशन है ताकि ब्रह्मांड का संतुलन बना रहे।
वारलॉर्ड को स्टूडियो ब्लो के साथ मिलकर विकसित किया जा रहा है — यह एक जनरेटिव AI स्टूडियो है जो 2024 में मुंबई से शुरू हुआ और अबदुबई, लंदन व लॉस एंजेलिस तक फैला है। पूरी सीरीज़ का निर्माण AI टेक्नोलॉजी से किया गया है—डिज़ाइन से लेकर एनिमेशन और वर्ल्ड बिल्डिंगतक।
शेखर कपूर न सिर्फ कहानी सुना रहे हैं, बल्कि भविष्य की सिनेमा को फिर से परिभाषित कर रहे हैं। वह वारलॉर्ड के ज़रिए वीडियो गेम्स, फिल्म्स औरशैक्षणिक संस्थानों तक एक पूरे मल्टीवर्स का विस्तार करने की योजना में हैं। इसके तहत मुंबई के धारावी में एक AI-फोकस्ड फिल्म स्कूल खोलने कीभी तैयारी है, ताकि अगली पीढ़ी के फिल्ममेकर्स को नई तकनीकों तक समान रूप से पहुंच मिल सके।
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