भारत के कई राज्य इस समय भीषण जल सैलाब की चपेट में हैं, जिससे जनजीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण व्यापक तबाही मची है।
जम्मू के मां वैष्णो देवी तीर्थ स्थल पर त्रासदी: 26 अगस्त को मां वैष्णो देवी के आसपास लैंडस्लाइड की भयावह घटना हुई, जिसमें अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। यह हादसा तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण साबित हुआ है। बचाव और राहत कार्य जारी हैं, लेकिन यह त्रासदी क्षेत्र की संवेदनशीलता को भी उजागर करती है।
पंजाब में बाढ़ का कहर: पंजाब के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। खासतौर पर गुरदासपुर जिले के एक स्कूल में 400 छात्र बाढ़ के कारण फंसे हुए थे, जिन्हें एनडीआरएफ की टीम ने समय रहते बचा लिया। यह घटना बाढ़ की गंभीरता को दर्शाती है, जहां बचाव दल ने अपनी तत्परता दिखाते हुए बड़ी संख्या में जान बचाई है।
हिमाचल प्रदेश में भीषण बारिश और भूस्खलन: कुल्लू जिले सहित हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद जमीनें धंसने लगी हैं। बनाला में भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली हाइवे बंद कर दिया गया है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों द्वारा प्रभावित इलाकों में लगातार निगरानी रखी जा रही है।
जम्मू और कश्मीर में बाढ़ से तबाही: जम्मू के भद्रवाह और डोडा इलाकों में अचानक आई बाढ़ और लगातार भारी बारिश के कारण लोग अपने मकान और मंदिरों को नुकसान से बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित हो रहे हैं। तवी नदी के उफान के चलते जम्मू के बेलीचराना इलाके में 35 घर और 6 दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। रामबन जिले में भी बारिश की वजह से कई मकान और दुकानें प्रभावित हुई हैं। सेना के जवान स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हुए हैं।
श्रीनगर में स्थिति: झेलम नदी का जलस्तर कुछ कम हुआ है, लेकिन कश्मीर प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यूनिवर्सिटी, कॉलेज और स्कूल दूसरे दिन भी बंद रखने का फैसला किया है ताकि छात्रों और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मौसम विभाग की चेतावनी: मौसम विभाग ने चार राज्यों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।