मुंबई, 18 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। महाराष्ट्र विधानसभा की लॉबी में गुरुवार को बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर और एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। यह झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के समर्थक एक-दूसरे से गाली-गलौज और हाथापाई करने लगे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद राज्य की राजनीति गरमा गई। घटना के विरोध में एनसीपी (शरद पवार गुट) के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार देर रात मरीन ड्राइव पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन किया। फिलहाल मारपीट की वजह सामने नहीं आई है, लेकिन मामले में मुंबई पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना को लेकर एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने दावा किया कि जितेंद्र आव्हाड पर हमला करने की साजिश रची गई थी। उन्होंने कहा कि चार लोगों ने हमला करने की योजना बनाई थी और उन्हें इस संबंध में व्हाट्सएप और नए ‘आका’ के कार्यकर्ताओं से धमकी मिली थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नया आका दूर से इशारे करता है और उसके गुंडे विधानसभा परिसर में हिंसा करते हैं।
वहीं, विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि पूरा महाराष्ट्र जानता है कि हमलावर कौन थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें गालियां दी गईं, जान से मारने की धमकी दी गई और ‘कुत्ता’, ‘सुअर’ जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर विधायक खुद विधानसभा में सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर उनका विधायक बने रहना किस काम का है। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए खेद जताया और माफी मांगी। घटना के बाद महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि सत्र के दौरान केवल विधायक, उनके सहायक और सरकारी अधिकारी ही विधान भवन में रहेंगे। साथ ही, इस मामले की जांच के लिए विधायिका नैतिकता समिति गठित करने को लेकर एक हफ्ते में निर्णय लिया जाएगा। इस बीच, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर विधानसभा में गुंडे पहुंच गए हैं तो राज्य के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने इस तरह के आचरण को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया।