मुंबई, 27 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जोधपुर में बन रहे वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो के विस्तार को मंजूरी मिल गई है। अब वंदे भारत स्लीपर समेत सभी सेमी हाई स्पीड ट्रेनों की सर्विसिंग और मेंटेनेंस जोधपुर में ही संभव होगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को 195 करोड़ रुपये की इस परियोजना को स्वीकृति दी। इसके तहत एक अत्याधुनिक वर्कशॉप और विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना भी होगी, जो भविष्य की रेलवे आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।
उत्तर पश्चिम रेलवे प्रशासन ने इस प्रोजेक्ट के लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब मंजूरी मिल चुकी है। इस बजट से न केवल स्लीपर वंदे भारत डिपो का विस्तार किया जाएगा, बल्कि तकनीकी प्रशिक्षण के लिए एक आधुनिक ट्रेनिंग सेंटर भी तैयार होगा। इससे इंजीनियरों और सहायक कर्मचारियों को उच्चस्तरीय तकनीक और मशीनरी का प्रशिक्षण जोधपुर में ही मिलेगा।
जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि भगत की कोठी वाशिंग लाइन के पास पहले चरण में 167 करोड़ रुपये की लागत से डिपो निर्माण जारी है। दूसरे चरण में बहुद्देशीय और आवासीय ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण प्रस्तावित है, जहां सभी वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव और स्टाफ प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी। रेल मंत्री की ओर से इस बजट को मंजूरी मिलना उत्तर पश्चिम रेलवे के लिए बड़ी सौगात मानी जा रही है।
जोधपुर में ट्रेनिंग सेंटर और डिपो शुरू होने से यह शहर हाई स्पीड रेल नेटवर्क का महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा। परियोजना के दूसरे चरण में कई नई तकनीकी और परिचालन सुविधाओं का भी विस्तार होगा। इसमें कवर्ड वर्कशॉप, ओएचई सुविधा युक्त पिटलाइन, पिट व्हील अनुरक्षण और विभिन्न सर्विस बिल्डिंगों का निर्माण शामिल है।
इस परियोजना के पूरा होने से एक ही स्थान पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की उन्नत तकनीक से देखभाल की जा सकेगी। इससे सुरक्षा और परिचालन क्षमता में सुधार होगा, साथ ही हाई स्पीड रेल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। डिपो और वर्कशॉप के निर्माण से क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में भगत की कोठी स्थित वंदे भारत डिपो परियोजना का शिलान्यास किया था। अब इसके दूसरे चरण की शुरुआत से जोधपुर देश के हाई स्पीड रेल इंफ्रास्ट्रक्चर में एक अहम स्थान हासिल करने जा रहा है।