आगरा – ताज की धरती सिर्फ अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिए ही नहीं, बल्कि यहां के लोगों की नेकदिली के लिए भी जानी जाती है। ऐसा ही एक उदाहरण हाल ही में आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला, जहां एक टैक्सी ड्राइवर ने ईमानदारी और मानवता की अनूठी मिसाल पेश की।
ग्वालियर निवासी रामनरेश अपनी पत्नी के साथ उत्कल एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे थे। स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर एक बेंच पर बैठकर वह ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी बीच, पानी लेने के लिए उठे और अनजाने में अपना मोबाइल उसी बेंच पर छोड़ गए। पानी लेकर लौटने के बाद दोनों पास की एक अन्य बेंच पर जा बैठे, लेकिन मोबाइल की ओर उनका ध्यान नहीं गया।
उसी समय टैक्सी ड्राइवर सलमान, जो अपने रिश्तेदारों को स्टेशन पर छोड़ने आए थे, प्लेटफॉर्म पर टहलते हुए उसी बेंच के पास पहुँचे। उनकी नजर एक लावारिस पड़े मोबाइल फोन पर पड़ी। ईमानदारी और इंसानियत से भरपूर सलमान ने बिना देर किए आसपास के लोगों से पूछा कि यह मोबाइल किसका है। जब किसी ने इसका दावा नहीं किया, तो सलमान सीधे मोबाइल को लेकर आगरा कैंट पर स्थित जीआरपी थाने पहुँचे और फोन वहां जमा करा दिया।
इसके बाद जीआरपी पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए मोबाइल के मालिक रामनरेश और उनकी पत्नी से संपर्क किया और ट्रेन में सवार होने से पहले उन्हें उनका मोबाइल लौटा दिया। अपना खोया फोन पाकर दोनों के चेहरे पर जो सुकून और खुशी दिखी, वह शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। उन्होंने सलमान और पुलिस दोनों का दिल से धन्यवाद किया।
जीआरपी थाना प्रभारी ने भी सलमान की इस ईमानदारी की सराहना की और कहा, आगरा देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। ऐसे छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कार्य हमारी शहर की सकारात्मक छवि बनाते हैं। सलमान जैसे टैक्सी ड्राइवर आगरा को एक सुरक्षित और भरोसेमंद शहर के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि इंसानियत और ईमानदारी आज भी जिंदा हैं। सलमान जैसे लोग समाज के लिए प्रेरणा हैं, जो यह सिखाते हैं कि किसी का खोया हुआ लौटाना सिर्फ एक सामान लौटाना नहीं, बल्कि भरोसे को वापस देना होता है।