एशिया कप 2025 का 12वां मुकाबला भारत और ओमान के बीच खेला गया, जिसमें टीम इंडिया ने 21 रनों से जीत हासिल की। यह जीत भले ही स्कोरबोर्ड पर सहज दिख रही हो, लेकिन मैदान पर स्थिति कुछ और ही थी। ओमान की बल्लेबाजी ने एक समय भारत की चिंता बढ़ा दी थी, जब उन्होंने रन रेट के हिसाब से पकड़ बना रखी थी। हालांकि, अंत में भारतीय गेंदबाजों ने संयम दिखाते हुए मैच को भारत की झोली में डाल दिया। लेकिन इस जीत के बाद टीम इंडिया के कई फैसलों पर सवाल खड़े हो गए हैं, खासकर कप्तान सूर्यकुमार यादव की रणनीतियों पर।
बल्लेबाजी क्रम में अजीब प्रयोग
सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये रही कि कप्तान सूर्यकुमार यादव खुद बल्लेबाजी करने नहीं आए। पूरे पारी में सूर्या नंबर-10 तक भी बल्लेबाजी करने नहीं उतरे। उनके बजाय हर्षित राणा, अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव जैसे निचले क्रम के बल्लेबाजों को पहले मौका दिया गया। इससे यह सवाल उठने लगा कि क्या टीम किसी तरह के प्रयोग में लगी थी या फिर रणनीति को लेकर भ्रम की स्थिति थी।
संजू सैमसन को तीसरे नंबर पर भेजना
इस मैच में सूर्यकुमार यादव ने तीसरे नंबर पर संजू सैमसन को भेजा, जो आमतौर पर मिडल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हैं। सैमसन ने कुछ अच्छे शॉट्स जरूर खेले, लेकिन उनकी जगह नंबर-3 पर किसी अनुभवी खिलाड़ी को भेजना ज़्यादा सुरक्षित विकल्प होता। इस बदलाव ने बल्लेबाजी क्रम की स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया।
पूरी टीम को बल्लेबाजी का मौका
सूर्यकुमार यादव की अगुआई में इस मैच में लगभग पूरी टीम को बल्लेबाजी करने का मौका मिला। हालांकि यह एक तरह से बैटिंग प्रैक्टिस जैसा लगा, लेकिन टूर्नामेंट के अहम मोड़ पर इस तरह का प्रयोग सवालों के घेरे में आ गया है। सुपर-4 जैसे कठिन चरण से पहले टीम का संयोजन और आत्मविश्वास बहुत मायने रखता है।
गेंदबाजी में भी दिखा असमंजस
गेंदबाजी में भी कुछ फैसले चौंकाने वाले रहे। जैसे कि कुछ ओवरों में मुख्य गेंदबाजों को देर से लाना या फिर मैच के दबाव भरे क्षणों में अनुभवहीन गेंदबाजों को जिम्मेदारी देना। हालांकि अंत में भारत ने मैच अपने नाम किया, लेकिन बीच के ओवरों में ओमान ने जिस तरह दबाव बनाया, उससे यह स्पष्ट हो गया कि रणनीति में स्पष्टता की कमी थी।
सुपर-4 से पहले चेतावनी की घंटी
इस जीत के बावजूद टीम इंडिया के लिए यह एक चेतावनी की तरह है। सुपर-4 में उन्हें पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसी मजबूत टीमों से भिड़ना है। ऐसे में गलत फैसले और टीम संयोजन में अस्पष्टता भारी पड़ सकती है। अगर टीम इंडिया को एशिया कप जीतना है, तो उन्हें हर विभाग में स्पष्टता और संतुलन लाना होगा।
निष्कर्ष:
भारत ने भले ही ओमान को हराया, लेकिन यह जीत पूरी तरह से संतोषजनक नहीं कही जा सकती। कप्तानी और टीम चयन में जो प्रयोग किए गए, वे भविष्य में टीम के लिए जोखिम बन सकते हैं। अब देखना होगा कि सुपर-4 में टीम इंडिया किन बदलावों के साथ उतरती है।