मुंबई, 2 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) बच्चों के ऑनलाइन स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने वाला दुनिया का पहला कानून लागू करने का फैसला किया है। यह कदम बच्चों को सोशल मीडिया के अत्यधिक इस्तेमाल से होने वाले मानसिक स्वास्थ्य संकट और हानिकारक सामग्री से बचाने के लिए उठाया गया है।
कब से लागू होगा यह कानून?
यह ऐतिहासिक प्रतिबंध 10 दिसंबर, 2025 से प्रभावी होगा। सरकार का अनुमान है कि कानून लागू होने पर ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के दस लाख से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट निष्क्रिय (deactivated) हो सकते हैं।
कौन से प्लेटफॉर्म होंगे प्रभावित?
इस प्रतिबंध के दायरे में कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से Facebook, Instagram, TikTok, Snapchat, YouTube, X (पहले Twitter), Threads, Reddit, Twitch और Kick शामिल हैं। इन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि 16 वर्ष से कम आयु के उपयोगकर्ता उनके प्लेटफॉर्म पर अकाउंट न बना सकें।
हालांकि, कुछ सेवाएं जैसे कि WhatsApp, LinkedIn, Google Classroom, YouTube Kids और Pinterest को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।
नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना
इस कानून के तहत, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ही नियमों को लागू करने के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। अगर कोई कंपनी 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अपने प्लेटफॉर्म पर अकाउंट रखने से रोकने में विफल रहती है, तो उस पर 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 3.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर) तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
सरकार ने प्लेटफॉर्मों से उम्र सत्यापन (Age Verification) के लिए "उचित कदम" उठाने को कहा है, लेकिन यह स्पष्ट किया गया है कि केवल आईडी (ID) मांगना उम्र की पुष्टि का एकमात्र तरीका नहीं हो सकता है।
सरकार का उद्देश्य: मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा
ऑस्ट्रेलियाई सरकार का कहना है कि यह प्रतिबंध बच्चों को ऑनलाइन धमकाने (Cyberbullying), गलत सूचना, और नकारात्मक शारीरिक छवि (Negative Body Image) जैसी हानिकारक सामग्री के संपर्क में आने से बचाने के लिए आवश्यक है। शोध बताते हैं कि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग किशोरों में तनाव और अवसाद (Depression) को बढ़ा सकता है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और विवाद
यह कानून विवादास्पद रहा है। कई आलोचकों ने तर्क दिया है कि यह प्रतिबंध बच्चों की स्वायत्तता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Speech) पर अंकुश लगाता है। इस कानून को चुनौती देते हुए दो 15 वर्षीय बच्चों ने देश की सर्वोच्च अदालत में अपील भी दायर की है।
दुनिया भर के अन्य देश ऑस्ट्रेलिया के इस कदम पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं।
- भारत में, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) अधिनियम, 2023 के तहत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के डेटा को प्रोसेस करने से पहले माता-पिता की 'सत्यापन योग्य सहमति' (verifiable parental consent) लेना अनिवार्य है।
- न्यूजीलैंड और डेनमार्क जैसे देश भी इसी तरह के कानून पर विचार कर रहे हैं ताकि बच्चों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग को सख्ती से नियंत्रित किया जा सके।