आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया एक ताकतवर माध्यम बन गया है, लेकिन इसके साथ ही यह एक बड़ा खतरा भी बन चुका है। सोशल मीडिया पर अफवाहें और फेक न्यूज़ बहुत तेजी से फैलती हैं और इनमें से कई बार ऐसी खबरें भी वायरल हो जाती हैं जो पूरी तरह से झूठ पर आधारित होती हैं। इसी प्रकार की एक फर्जी खबर इन दिनों इंटरनेट पर धड़ल्ले से फैल रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सियालकोट पर हमला किया है। इस दावे को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी शेयर किया गया है, जिसमें बमबारी के दृश्य दिखाए गए हैं और लोग इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं।
क्ट चेक के अनुसार, यह खबर पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है।
क्या है वायरल हो रहा दावा?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सियालकोट पर हमला कर दिया है। वीडियो में भारी बमबारी के दृश्य हैं, जिनमें लोग डर के मारे भागते नजर आ रहे हैं। पोस्ट के कैप्शन में यहां तक लिखा गया, “ब्रेकिंग न्यूज: अल जजीरा चैनल ने पाकिस्तान के सियालकोट पर भारतीय सेना के हमले का नया फुटेज जारी किया है।” इस दावे को देखकर कई यूजर्स भ्रमित हो गए और वीडियो को बिना जांचे-परखे शेयर करते चले गए।
फैक्ट चेक: असलियत क्या है?
चूंकि यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही थी, फैक्ट चेक टीम ने इसकी जांच की। वीडियो की सत्यता जानने के लिए वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया गया। जांच में सामने आया कि यह वीडियो 9 नवंबर 2023 का है, जो फिलिस्तीन के एक न्यूज आउटलेट ‘कुद्स न्यूज नेटवर्क’ द्वारा पोस्ट किया गया था।
इस वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन में साफ लिखा था कि ये दृश्य उत्तरी गाजा पट्टी में इंडोनेशियाई अस्पताल के आसपास हुए इजरायली हमले के हैं, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे, जिनमें अधिकतर बच्चे थे। वीडियो पर ‘अल जजीरा’ का लोगो भी था, लेकिन यह वीडियो भारत और पाकिस्तान से संबंधित नहीं था।
फैक्ट चेक का निष्कर्ष
फैक्ट चेक में यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा दावा पूरी तरह से झूठा है। वायरल वीडियो का भारत या भारतीय सेना से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो फिलिस्तीन और इजरायल के बीच हुए संघर्ष से जुड़ा है, और इसे गलत संदर्भ में इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है।
इस प्रकार की फर्जी खबरें न केवल लोगों को गुमराह करती हैं बल्कि भारत-पाकिस्तान जैसे संवेदनशील देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती हैं। इसीलिए जरूरी है कि किसी भी वायरल दावे को आंख मूंदकर न माना जाए और पहले उसकी सत्यता की पुष्टि कर ली जाए।
भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव
हालांकि यह बात सही है कि इन दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े रुख अपनाए हैं। पाकिस्तान की ओर से भी लगातार नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है।
11 दिनों से लगातार LoC पर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी हो रही है, जिसका भारतीय सेना पूरी मजबूती से जवाब दे रही है। इन घटनाओं के चलते दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव और सैन्य सतर्कता बढ़ी है। लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि भारत ने सियालकोट पर हमला कर दिया है, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है।
क्यों जरूरी है फैक्ट चेक?
सोशल मीडिया पर फेक न्यूज का जाल बहुत व्यापक हो चुका है। खासकर जब मामला राष्ट्रीय सुरक्षा, सेना या अंतरराष्ट्रीय संबंधों से जुड़ा हो, तब एक छोटी सी अफवाह भी बड़ा संकट खड़ा कर सकती है। इसीलिए हर सोशल मीडिया यूजर की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसी भी पोस्ट को शेयर करने से पहले उसकी जांच करें।
फैक्ट चेक का मकसद भी यही है – आपको ऐसी फर्जी खबरों से सचेत करना और असली सच तक पहुंचाना। आज जब तकनीक हर किसी की जेब में है, तब जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनना और भी जरूरी हो गया है।
निष्कर्ष
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सियालकोट पर हमला किया है, पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। वायरल वीडियो असल में गाजा पट्टी में इजरायली हमले का है और इसका भारत या भारतीय सेना से कोई संबंध नहीं है।
इस तरह की झूठी खबरें न फैलाएं, और दूसरों को भी इसके खिलाफ जागरूक करें। याद रखें – सोशल मीडिया पर हर चमकती चीज़ खबर नहीं होती, कभी-कभी वह महज अफवाह भी हो सकती है