सोशल मीडिया पर इन दिनों एक हैरान कर देने वाला वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत के एक गांव में एक बंदर ने कोयले (चारकोल) का उपयोग करके मंदिर की दीवार पर भगवान हनुमान की सटीक आकृति बना दी है। इस वीडियो को चमत्कार और दिव्य संकेत बताकर बड़े पैमाने पर शेयर किया जा रहा है, जिससे यह तेज़ी से सुर्खियां बटोर रहा है। हालांकि, आजतक फ़ैक्ट चेक ने अपनी पड़ताल में पाया है कि यह अनोखा दृश्य असली नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया है।
वायरल दावे और जनता की प्रतिक्रिया
वायरल वीडियो में एक बंदर को दीवार पर एकाग्रता से स्केच बनाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के बैकग्राउंड में कुछ लोगों की बातचीत भी सुनाई देती है, जिसमें वे अचंभित होकर कहते हैं कि बंदर हनुमान जी की आकृति बना रहा है और मुकुट भी एकदम सटीक बना है। वीडियो को शेयर करने वाले यूज़र्स ने इसे दैवीय हस्तक्षेप बताया और देखते ही देखते यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
फ़ैक्ट चेक में सामने आई सच्चाई
वीडियो की प्रामाणिकता की जांच के लिए किए गए गहन विश्लेषण में कुछ विसंगतियां सामने आईं। दीवार के पीछे खड़े लोगों को ध्यान से देखने पर पता चला कि एक व्यक्ति के पैर असामान्य रूप से पीछे की ओर मुड़े हुए हैं, और दो व्यक्तियों के शरीर आपस में अस्वाभाविक रूप से जुड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। ये विसंगतियां अक्सर AI-जनरेटेड वीडियो में दिखाई देती हैं। वीडियो के कीफ्रेम्स का रिवर्स सर्च करने पर, यह वीडियो सबसे पहले इंस्टाग्राम हैंडल '@multiversematrix' पर 9 अक्टूबर को पोस्ट किया गया था। इस अकाउंट के बायो सेक्शन में स्पष्ट रूप से लिखा है कि यहां AI से बने वीडियो पोस्ट किए जाते हैं।
AI मॉडल 'Sora2' का इस्तेमाल
वीडियो के विवरण (Description) में '#HiggsfieldSora2' और '#Higgsfield.ai' जैसे हैशटैग का उपयोग किया गया है। 'Sora2' ओपनएआई (OpenAI) कंपनी का एक वीडियो जनरेशन मॉडल है, जो दिखने में एकदम वास्तविक (रियलिस्टिक) AI-जनरेटेड वीडियो बनाने में सक्षम है। इसी इंस्टाग्राम अकाउंट पर वायरल वीडियो से मिलते-जुलते ढेरों अन्य AI-निर्मित वीडियो भी मौजूद हैं, जिनमें बंदरों को स्केच बनाते, भाषण देते, या धार्मिक अनुष्ठान करते दिखाया गया है। यह स्पष्ट करता है कि वायरल वीडियो को तकनीक की मदद से रचनात्मक उद्देश्य के लिए बनाया गया था, न कि यह वास्तविक घटना है। लिहाजा, यह निष्कर्ष निकाला गया है कि मंदिर की दीवार पर हनुमान जी की तस्वीर बनाते बंदर का दावा करने वाला वीडियो भ्रामक है। यह दृश्य AI द्वारा उत्पन्न किया गया है और इसे किसी चमत्कार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।