भारत की प्रमुख उपभोक्ता कंपनियों में से एक AWL एग्री बिजनेस (Adani Wilmar Limited) ने वित्तीय वर्ष 2026 की पहली तिमाही में अब तक की सबसे अधिक कमाई दर्ज की है। कंपनी ने इस तिमाही में 17,059 करोड़ रुपये का रेवेन्यू अर्जित किया, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 21% अधिक है। इस दमदार प्रदर्शन का सबसे बड़ा श्रेय खाद्य तेल कारोबार को जाता है, जिसमें 26% की ग्रोथ के साथ कंपनी ने 13,415 करोड़ रुपये की कमाई की है।
खाद्य तेल बना ग्रोथ इंजन
AWL की कुल कमाई में खाद्य तेल सेगमेंट का योगदान सबसे अधिक रहा है। यह अकेला सेगमेंट कंपनी की कुल रेवेन्यू का 78.6% और सेल्स वॉल्यूम का 61% हिस्सा बनाता है। खास बात यह है कि सरसों के तेल की मांग में विशेष उछाल देखा गया, जिससे कंपनी को ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में मजबूत पैठ बनाने में मदद मिली।
AWL का यह प्रदर्शन ऐसे समय में आया है जब तेल की कीमतों और कच्चे माल की लागत में अस्थिरता बनी हुई है। इसके बावजूद कंपनी ने अपने मजबूत सप्लाई चेन और ब्रांड वैल्यू के दम पर बाजार में पकड़ बनाए रखी है।
FMCG और खाद्य सेगमेंट में भी दर्ज की ग्रोथ
AWL का खाद्य और FMCG सेगमेंट भी पीछे नहीं रहा। इस खंड में कंपनी ने 4% की ग्रोथ दर्ज की और 1,414 करोड़ रुपये की कमाई की। हालांकि रेवेन्यू में इस सेगमेंट का योगदान सिर्फ 8% रहा, लेकिन बिक्री मात्रा के लिहाज से इसका 16% हिस्सा है। कंपनी ने कुछ उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी कर ग्रोथ को सपोर्ट किया, जिससे मार्जिन में थोड़ी राहत मिली।
यह रणनीति काफी हद तक ITC मॉडल से मिलती-जुलती है, जो अपने सिगरेट व्यवसाय से मिलने वाले लाभ को FMCG कारोबार में निवेश करता है। इसी तरह, AWL भी अपने खाद्य तेल सेगमेंट से मिलने वाले 1,200-1,500 करोड़ रुपये सालाना कैश फ्लो का उपयोग कर नए FMCG उत्पादों और कैटेगरीज में विस्तार कर रही है।
इंडस्ट्री एसेंशियल्स सेगमेंट में 12% उछाल
AWL का एक और महत्वपूर्ण खंड है इंडस्ट्री एसेंशियल्स, जिसमें कंपनी डी-ऑयल्ड केक और कैस्टर ऑयल जैसे उत्पाद बनाती है। इस सेगमेंट में 12% की ग्रोथ देखने को मिली। कंपनी भारत की सबसे बड़ी कैस्टर ऑयल निर्यातक है और अब यह अपने निर्यात को नए ग्लोबल मार्केट्स तक पहुंचाने में लगी हुई है।
रिटेल नेटवर्क और क्विक कॉमर्स में विस्तार
कंपनी ने अपने रिटेल नेटवर्क में जबरदस्त विस्तार किया है। इस बार इसका रिटेल कवरेज 18% बढ़कर 8.7 लाख दुकानों तक पहुंच गया, जिसमें 55,000 ग्रामीण कस्बे भी शामिल हैं। यह FY22 की तुलना में 10 गुना अधिक है। इसके अलावा, क्विक कॉमर्स चैनल में 75% की ग्रोथ हुई, जिससे मॉडर्न ट्रेड, ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स चैनलों से 3,900 करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई।
मुनाफा घटा, पर भविष्य उज्ज्वल
जहां रेवेन्यू में भारी उछाल दर्ज किया गया, वहीं कंपनी का नेट प्रॉफिट 24% घटकर 238 करोड़ रुपये रह गया। इसका मुख्य कारण रहा कच्चे माल की कीमतों में 25% तक की बढ़ोतरी, जिसने कंपनी के मार्जिन को प्रभावित किया। हालांकि कंपनी का कहना है कि पिछले 3 महीनों में कच्चे माल की कीमतों में 10% से अधिक की गिरावट आई है, जिससे आने वाली तिमाहियों में मुनाफे में सुधार की उम्मीद है।
शेयर बाजार में हलचल
मंगलवार को AWL का स्टॉक 263 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ, जो कंपनी के पिछले 12 महीने की कमाई के 30 गुना पर ट्रेड कर रहा है। यह पिछले 3 वर्षों में सबसे कम वैल्यूएशन है। मुनाफे में कमी के चलते स्टॉक में 2% की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन बाजार विश्लेषकों का मानना है कि कच्चे माल की लागत घटने और FMCG सेगमेंट के विस्तार से स्टॉक में रिकवरी संभव है।
निष्कर्ष
AWL ने Q1 FY26 में रेवेन्यू के मामले में रिकॉर्ड कायम किया है। खाद्य तेल, FMCG और इंडस्ट्री एसेंशियल्स जैसे सेगमेंट में ग्रोथ ने कंपनी को मजबूती दी है। हालांकि नेट प्रॉफिट पर कच्चे माल की लागत का असर पड़ा है, लेकिन भविष्य में इसके कम होने की संभावना से निवेशकों को राहत मिल सकती है। कंपनी की आक्रामक रिटेल रणनीति, FMCG विस्तार योजनाएं और मजबूत ब्रांड पोर्टफोलियो इसे भारत की सबसे तेजी से बढ़ती उपभोक्ता कंपनियों में बनाए रखते हैं।