असम में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन 26 और 27 दिसंबर को दो दिवसीय दौरे पर असम जाएंगे। यह दौरा पूरी तरह से चुनावी रणनीति और संगठनात्मक मजबूती पर केंद्रित माना जा रहा है। नितिन नवीन इस दौरान असम स्टेट एग्जीक्यूटिव कमेटी की एक अहम बैठक में हिस्सा लेंगे, जहां संगठन की वर्तमान स्थिति, आगामी कार्यक्रमों और चुनावी रोडमैप पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
संगठनात्मक समीक्षा और रणनीति पर मंथन
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने, कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ाने और चुनावी मैनेजमेंट को धार देने जैसे मुद्दों पर खास जोर रहेगा। बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि असम जैसे राज्य में जमीनी स्तर पर संगठन जितना मजबूत होगा, चुनावी नतीजे उतने ही बेहतर होंगे। नितिन नवीन का यह दौरा इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि समय रहते कमजोर कड़ियों को पहचाना जा सके और उन्हें दुरुस्त किया जा सके।
बैजयंत पांडा को मिली बड़ी जिम्मेदारी
हाल ही में बीजेपी ने वरिष्ठ नेता बैजयंत पांडा को असम के चुनावी मामलों की जिम्मेदारी सौंपी है। उनके अनुभव और संगठनात्मक समझ को देखते हुए पार्टी को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं। ऐसे में नितिन नवीन का यह दौरा बैजयंत पांडा की रणनीति को जमीनी स्तर पर लागू करने की दिशा में अहम साबित हो सकता है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच समन्वय बनाकर पार्टी राज्य में चुनावी अभियान को और धार देने की कोशिश करेगी।
मार्च-अप्रैल में संभावित विधानसभा चुनाव
असम में विधानसभा चुनाव मार्च–अप्रैल के दौरान होने की संभावना है। ऐसे में अब समय बहुत ज्यादा नहीं बचा है। बीजेपी इस चुनाव को बेहद अहम मान रही है, क्योंकि पार्टी राज्य में जीत की हैट्रिक लगाने के इरादे से मैदान में उतरने जा रही है। लगातार दो बार सत्ता में रहने के बाद तीसरी बार जीत हासिल करना पार्टी के लिए बड़ी राजनीतिक उपलब्धि होगी।
2021 के चुनाव नतीजों से आत्मविश्वास
अगर 2021 के असम विधानसभा चुनाव की बात करें, तो कुल 126 सीटों पर तीन चरणों में मतदान हुआ था। इन चुनावों में बीजेपी ने लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल की थी। पार्टी को 33.21 प्रतिशत वोट शेयर मिला था और उसने 126 में से 60 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बीजेपी के गठबंधन सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) को 9 सीटें और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को 6 सीटें मिली थीं।
वहीं विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस को 29 सीटों से संतोष करना पड़ा था, जबकि एआईयूडीएफ को 16 और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) को 4 सीटें मिली थीं। इन नतीजों ने यह साफ कर दिया था कि असम में बीजेपी का संगठनात्मक आधार मजबूत है और गठबंधन के साथ उसकी पकड़ और भी सशक्त हो जाती है।
2026 की रणनीति और चुनौतियां
हालांकि, इस बार चुनावी मुकाबला आसान नहीं माना जा रहा है। महंगाई, बेरोजगारी, स्थानीय मुद्दे और क्षेत्रीय अस्मिता जैसे सवाल विपक्ष की ओर से उठाए जा सकते हैं। ऐसे में बीजेपी की कोशिश रहेगी कि वह केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को प्रमुखता से जनता तक पहुंचाए। साथ ही, विकास कार्यों, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और कल्याणकारी योजनाओं को चुनावी मुद्दा बनाया जाएगा।
नितिन नवीन का यह दो दिवसीय असम दौरा इसी व्यापक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। यह दौरा न सिर्फ संगठन को एकजुट करने का संदेश देगा, बल्कि यह भी संकेत देगा कि बीजेपी राज्य में अपनी पकड़ बनाए रखने और उसे और मजबूत करने के लिए पूरी गंभीरता के साथ चुनावी तैयारी में जुट चुकी है।