बिहार में शुक्रवार (14 नवंबर) को लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व, विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों (Bihar Chunav Natije 2025) के ऐलान के साथ समाप्त हो गया। 243 सीटों पर हुए दो चरणों (6 नवंबर और 11 नवंबर) के मतदान के बाद, देशभर की जनता का सस्पेंस आखिरकार खत्म हो गया है। शुरुआती रुझानों और फिर अंतिम परिणामों ने प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर को साफ कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और कांग्रेस (Congress) तथा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच सीधी और कांटे की टक्कर देखने को मिली। मतगणना के शुरुआती घंटों में दोनों गठबंधनों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा रही, लेकिन जैसे-जैसे गिनती आगे बढ़ी, एनडीए ने महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली और बहुमत के आंकड़े को पार करता हुआ दिखाई दिया। (यह जानकारी 14 नवंबर 2025 की सुबह के रुझानों पर आधारित है।)
कई दिग्गजों को इस चुनावी दंगल में जीत मिली, तो कुछ बड़े नामों को हार का सामना भी करना पड़ा। रुझानों के अनुसार, एनडीए ने 193 सीटों तक बढ़त बना ली, जिसमें बीजेपी 84 और जेडीयू 79 सीटों पर आगे रही, जो स्पष्ट बहुमत की ओर इशारा करता है। वहीं, महागठबंधन को 46 सीटों पर संघर्ष करना पड़ा, जिसमें आरजेडी 33 सीटों पर और कांग्रेस/भाकपा (माले) 6-6 सीटों पर आगे रहे। इस चुनाव में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) भी 22 सीटों पर बढ़त बनाकर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभरी।
टूटे वोटिंग के सभी रिकॉर्ड
इस चुनाव में एक और महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि 1951 के बाद बिहार का यह पहला विधानसभा चुनाव था, जब प्रदेश की जनता ने दोनों चरणों में बंपर मतदान किया। चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार में दोनों चरणों में एवरेज 67.13% वोटिंग हुई। लोकतंत्र के इस पर्व में सबसे अधिक 71.78 प्रतिशत महिलाओं ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई, जबकि 62.98 फीसदी पुरुषों ने भी बढ़-चढ़कर अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट दिया। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का यह उत्साहवर्धक मतदान प्रतिशत नीतीश कुमार की 'महिला वोटर' आधार को मजबूत करने का संकेत देता है।
सफलतापूर्व मतदान के बाद आज यानी 14 नवंबर को हुई मतगणना में, एनडीए की स्पष्ट जीत से बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनने की राह खुल गई है।