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Goa Zilla Panchayat Election Results : गोवा जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी का दबदबा, कांग्रेस भी दे रही टक्कर

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Posted On:Monday, December 22, 2025

गोवा की राजनीति के लिए 22 दिसंबर 2025 का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। राज्य की दो जिला पंचायतों—उत्तर गोवा और दक्षिण गोवा—की कुल 50 सीटों के लिए हुए मतदान के बाद आज वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों और नतीजों ने राज्य के सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है। इन चुनावों को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले जनता के मूड को भांपने वाले 'सेमीफाइनल' के रूप में देखा जा रहा है।

शुरुआती रुझान: बीजेपी का दबदबा बरकरार

मतगणना के शुरुआती घंटों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी मजबूत पकड़ का प्रदर्शन किया है। ताजा जानकारी के अनुसार:

  • बीजेपी: 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है और कई अन्य क्षेत्रों में कड़े मुकाबले में है।

  • कांग्रेस: विपक्षी खेमे की अगुवाई करते हुए 1 सीट पर आगे चल रही है।

  • रीजनलिस्ट गोवा पार्टी (RGP): क्षेत्रीय ताकतों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए 1 सीट पर बढ़त हासिल किए हुए है।

यह चुनाव न केवल पार्टियों के लिए बल्कि राज्य के कद्दावर मंत्रियों और विधायकों के लिए भी प्रतिष्ठा की लड़ाई है, क्योंकि उन्होंने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया है।

चुनाव के मुख्य आंकड़े: एक नजर में

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बार लोकतंत्र के इस उत्सव में जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया:

  • कुल सीटें: 50 (उत्तर गोवा और दक्षिण गोवा)

  • कुल उम्मीदवार: 226

  • मतदान प्रतिशत: 70.81% (लगभग 8.6 लाख मतदाताओं में से)

  • पोलिंग बूथ: 1,284

क्यों अहम हैं ये चुनाव?

गोवा की त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में जिला पंचायतें ग्रामीण विकास की धुरी मानी जाती हैं। इन चुनावों के परिणामों का महत्व कई कारणों से बढ़ जाता है:

  1. 2027 की तैयारी: ये नतीजे तय करेंगे कि ग्रामीण गोवा में किस पार्टी की जमीन मजबूत है। बीजेपी जहाँ अपनी विकास योजनाओं (Pro-Incumbency) को भुनाने की कोशिश में है, वहीं विपक्ष 'कैश-फॉर-जॉब्स' और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेर रहा है।

  2. क्षेत्रीय दलों का भविष्य: रिवोल्यूशनरी गोअन्स (RGP) और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (MGP) जैसे दलों के लिए यह अपनी खोई हुई जमीन तलाशने या नई पहचान बनाने का अवसर है।

  3. स्थानीय नेतृत्व का परीक्षण: कई युवा उम्मीदवारों के लिए यह विधानसभा टिकट की दावेदारी पेश करने का पहला कदम है।

निष्कर्ष: ग्रामीण गोवा का फैसला

गोवा की ग्रामीण जनता ने इस बार भारी मतदान कर यह स्पष्ट कर दिया है कि वे स्थानीय मुद्दों को लेकर सजग हैं। जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ेगी, यह साफ हो जाएगा कि क्या बीजेपी अपनी सत्ता विरोधी लहर (यदि कोई है) को मात देने में सफल रही है या कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दल एक मजबूत विकल्प बनकर उभरे हैं।


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