महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले से एक बेहद भावुक और चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसने पूरे राज्य का ध्यान अपनी ओर खींचा है। बुधवार (24 दिसंबर 2025) को जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब दिवंगत सक्षम टेटे की मां संगीता टेटे और उनकी पत्नी आंचल ममीदवार ने न्याय की मांग करते हुए आत्मदाह करने की कोशिश की। यह घटना पिछले महीने हुई 20 वर्षीय सक्षम टेटे की नृशंस हत्या के मामले में पुलिसिया कार्रवाई से असंतोष का परिणाम है।
घटना का विवरण और पुलिस की सतर्कता
जिलाधिकारी कार्यालय के पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे, लेकिन अचानक दोनों महिलाओं ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगाने का प्रयास किया। गनीमत रही कि मौके पर तैनात पुलिसकर्मी तुरंत हरकत में आए और उन्हें समय रहते रोक लिया। पुलिस की इस सतर्कता से एक बड़ी अनहोनी टल गई। घटना के बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर शांत कराने की कोशिश की और उन्हें आश्वासन दिया कि जांच निष्पक्ष तरीके से चल रही है।
पीड़ित परिवार के गंभीर आरोप
सक्षम की मां और पत्नी का आरोप है कि इस हत्याकांड के पीछे न केवल आंचल के परिवार वाले हैं, बल्कि स्थानीय इतवारा थाने के दो पुलिसकर्मियों की भी संलिप्तता है। उनका दावा है कि इन पुलिसकर्मियों ने आंचल के भाइयों को सक्षम की हत्या के लिए उकसाया था। परिवार का कहना है कि वे पिछले एक महीने से न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन प्रभावशाली लोगों के दबाव में मुख्य षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी की जा रही है।
पीड़ित महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही न्याय नहीं मिला, तो वे फिर से कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होंगी।
'लाश से शादी' और जातिगत भेदभाव का मामला
यह मामला तब से ही सुर्खियों में बना हुआ है जब 21 वर्षीय आंचल ममीदवार ने सक्षम की मौत के बाद अस्पताल में उनकी लाश के साथ 'शादी' की रस्में पूरी करने का दावा किया था। आंचल और सक्षम अलग-अलग जातियों से थे, और पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि यह 'ऑनर किलिंग' या जातिगत मतभेद का मामला हो सकता है। आंचल का परिवार उनके इस रिश्ते के सख्त खिलाफ था।
अब तक की कार्रवाई और कानूनी स्थिति
पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए अब तक आंचल के पिता गजानन ममीदवार और उनके दो भाइयों, हिमेश और साहिल को गिरफ्तार कर लिया है। कुल छह आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन पर हत्या, दंगा फैलाने और गैरकानूनी सभा करने जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।
निष्कर्ष: नांदेड़ की इस घटना ने न्याय व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर जहां पुलिस इसे एक परिवार की आपसी रंजिश मान रही है, वहीं पीड़ित परिवार पुलिस विभाग के भीतर ही दोषियों की पहचान की मांग कर रहा है। जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर हुई इस घटना के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करे और दोषियों को सजा दिलाए।