बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है और राज्य में नवंबर में दो चरणों में मतदान होना है। पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद, राज्य के दोनों प्रमुख गठबंधन – राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन – अब तक आधिकारिक तौर पर सीट-बंटवारे की घोषणा नहीं कर पाए हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में गहमागहमी तेज हो गई है।
एनडीए में चिराग पासवान बने बाधा?
एनडीए खेमे में सीटों के तालमेल को लेकर सबसे बड़ी अड़चन केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान बने हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान अपनी पार्टी के लिए बिहार में लगभग 50 सीटों की मांग कर रहे हैं, जबकि एनडीए के अन्य घटक दल उन्हें 25 से 27 सीटें देने पर ही सहमत होते दिख रहे हैं। इस गतिरोध को दूर करने के लिए शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के आवास पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल (यूनाइटेड) (जेडीयू) के नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। गठबंधन के उम्मीदवारों के चयन पर गहन विचार-विमर्श के बाद, बीजेपी आलाकमान ने बैठक में शामिल सभी प्रमुख नेताओं को तुरंत दिल्ली तलब कर लिया है।
दिल्ली में आज अहम बैठक, 13 को घोषणा की संभावना
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित बीजेपी के कई बड़े नेता शनिवार को दिल्ली रवाना हो गए हैं। ऐसी खबरें हैं कि आज दिल्ली में एनडीए के शीर्ष नेताओं की एक निर्णायक बैठक होने वाली है, जिसमें सीट-बंटवारे के अंतिम फॉर्मूले पर सहमति बनने की संभावना है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि यह बैठक सफल रही, तो एनडीए 13 अक्टूबर को एक प्रेस वार्ता आयोजित कर बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा कर सकता है।
शुक्रवार को चिराग पासवान की केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के साथ भी सकारात्मक बैठक हुई। बैठक के बाद चिराग पासवान ने मीडिया से कहा कि बातचीत सकारात्मक रही है और जल्द ही सीट बंटवारे की घोषणा हो जाएगी। उन्होंने यह भी जोर दिया कि उन्हें अपनी सीटों की चिंता नहीं है, बल्कि वह गठबंधन की जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं।
एनडीए के सूत्रों ने दावा किया है कि सीट बंटवारे पर आंतरिक रूप से सहमति बन चुकी है, लेकिन आधिकारिक घोषणा का इंतजार है। वहीं, महागठबंधन में भी अभी तक सीटों को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है, जिससे दोनों ही गठबंधनों के कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों के बीच बेचैनी बनी हुई है। जैसे-जैसे नामांकन की अंतिम तिथि नजदीक आ रही है, बिहार की राजनीति में सीट शेयरिंग का सस्पेंस हर घंटे नई करवट ले रहा है। राज्य की जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें अब 13 अक्टूबर को होने वाली संभावित घोषणा पर टिकी हैं।