साउथ दिल्ली के निवासियों को जल्द ही एक नए एलिवेटेड मेट्रो कॉरिडोर की सौगात मिलने वाली है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DMRC) ने फेज़-IV के अत्यंत महत्वपूर्ण साकेत जी ब्लॉक-लाजपत नगर कॉरिडोर पर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। यह फेज़-IV की प्राथमिक कॉरिडोरों के बाद का पहला नया खंड है, जहां फिजिकल कार्य की शुरुआत की गई है। इस विस्तार से साउथ दिल्ली के एक दर्जन से ज्यादा इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों को काफी फायदा मिलने वाला है।
निर्माण कार्य का शुभारंभ
लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर (जिसे गोल्डन लाइन-11 नाम दिया गया है) पर पहला टेस्ट पाइल और भूमिपूजन समारोह आज साकेत के नजदीक पुष्पा भवन के पास किया गया। यह आयोजन दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के विस्तार में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस दौरान डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार सहित डीएमआरसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
'टेस्ट पाइल' का निर्माण नए मेट्रो कॉरिडोर के लिए प्रमुख सिविल कार्यों की शुरुआत का प्रतीक है। इसका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि निर्माण के लिए जमीन और संरचनात्मक आधार उपयुक्त है।
कॉरिडोर में शामिल होंगे 8 मेट्रो स्टेशन
लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर पूरी तरह से एक एलिवेटेड (Elevated) कॉरिडोर होगा, जिसकी कुल लंबाई और स्टेशनों की संख्या साउथ दिल्ली की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगी। इस कॉरिडोर में कुल 08 मेट्रो स्टेशन शामिल होंगे:
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लाजपत नगर
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एंड्रूज़ गंज
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जीके-1 (ग्रेटर कैलाश-1)
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चिराग दिल्ली
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पुष्पा भवन
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साकेत डिस्ट्रिक्ट सेंटर
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पुष्प विहार
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साकेत जी ब्लॉक
यह कॉरिडोर लाजपत नगर और साकेत जैसे प्रमुख कमर्शियल और रिहायशी हब को जोड़ेगा, जिससे यात्रियों के लिए यात्रा करना काफी सुगम हो जाएगा।
गोल्डन लाइन की खासियत और कनेक्टिविटी
गोल्डन लाइन कॉरिडोर दक्षिण दिल्ली में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी। इसे कनेक्टिविटी बढ़ाने और मौजूदा मेट्रो लाइनों के साथ इंटीग्रेट करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है।
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यह कॉरिडोर न केवल लाखों यात्रियों की यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि शहर के कई इलाकों को जाम से मुक्ति दिलाएगा, विशेष रूप से चिराग दिल्ली, साकेत और लाजपत नगर जैसे भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में।
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यह कॉरिडोर कई मौजूदा मेट्रो लाइनों के साथ इंटरचेंज प्रदान कर सकता है, जिससे यह दिल्ली मेट्रो नेटवर्क का एक अभिन्न अंग बन जाएगा।
DMRC की यह पहल दिल्ली मेट्रो को विश्वस्तरीय पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। फेज़-IV के तहत पूरे नेटवर्क को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कोने-कोने तक मेट्रो की पहुँच सुनिश्चित हो सके।