रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर-चेयरपर्सन नीता अंबानी ने हाल ही में मुंबई में भारतीय कारीगरी और विरासत को समर्पित एक शाम की मेजबानी की। यह खास सेलिब्रेशन इरोस (Eros) में स्वदेश फ्लैगशिप स्टोर पर आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य देश की स्थायी कलाकारी और संस्कृति को श्रद्धांजलि देना थ
मोर-नीली बनारसी साड़ी में नीता अंबानी
इवेंट के लिए, नीता अंबानी ने स्वदेश की एक शानदार मोर-नीली बनारसी साड़ी पहनी थी, जो इस शाम का मुख्य आकर्षण रही।
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ऐतिहासिक तकनीक: यह साड़ी हिस्टोरिक कढ़ुआ टेक्निक से बुनी गई थी। यह एक प्राचीन और कठिन बुनाई का तरीका है जो अपनी ड्यूरेबिलिटी और बारीक डिटेलिंग के लिए जाना जाता है।
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बारीक कारीगरी: साड़ी में नाज़ुक मीना मोटिफ्स थे, जिन्हें बहुत बारीकी से बनाया गया था। यह बारीक काम बनारस के बुनाई करने वाले समुदाय के असाधारण हुनर को प्रदर्शित करता है।
मनीष मल्होत्रा का डिज़ाइन और पर्सनल टच
नीता अंबानी ने अपनी ट्रेडिशनल साड़ी को आधुनिक और व्यक्तिगत टच देने के लिए मनीष मल्होत्रा के डिज़ाइन किए हुए ब्लाउज के साथ पूरा किया।
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ब्लाउज डिज़ाइन: ब्लाउज में नाज़ुक पोल्की बॉर्डर था, जो लुक को रॉयल बना रहा था।
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सोच-समझकर किया गया टच: इस आउटफिट को खास बनाने वाले टच में हाथ से पेंट किए गए देवी-देवताओं के बटन शामिल थे। इसके साथ ही, उन्होंने अपने पर्सनल कलेक्शन से लिया गया एक विंटेज स्पिनल टैसल भी जोड़ा, जो उनके व्यक्तिगत स्वाद को दर्शाता है।
विरासत को श्रद्धांजलि देती ज्वेलरी
नीता अंबानी की ज्वेलरी ने न केवल उनके आउटफिट को पूरा किया, बल्कि भारत के शाही अंदाज और अपनी पारिवारिक विरासत को भी श्रद्धांजलि दी।
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एंटीक पीस: उन्होंने एक सदी से भी ज़्यादा पुराने एंटीक कुंदन पोल्की इयररिंग्स पहने थे।
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स्वदेश की कारीगरी: उन्होंने स्वदेश की हाथ से बनी जड़ाऊ बर्ड रिंग भी पहनी थी, जो भारतीय जड़ाऊ कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
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पारिवारिक विरासत: सबसे खास गहना था, उनकी मां से मिला एक प्यारा 'हाथ फूल', जो परिवार की विरासत और यादों का प्रतीक था और जिसने उनके पूरे लुक को कंप्लीट किया।
🇮🇳 कारीगरों का उत्सव
स्वदेश ऑनलाइन स्टोर ने शुक्रवार को अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इवेंट से नीता अंबानी का लुक साझा किया। अपने कपड़ों और अपनी मौजूदगी के ज़रिए, नीता अंबानी ने यह संदेश दिया कि भारत के कारीगरों को सेलिब्रेट करना कितना अहम है।
स्वदेश में आयोजित यह शाम देश की हमेशा रहने वाली कलाकारी को एक ट्रिब्यूट थी, जिसे क्राफ्ट, कल्चर और खानदानी खूबसूरती के ज़रिए बेहद खूबसूरती से व्यक्त किया गया।