प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मधुर संबंधों से पूरी दुनिया वाकिफ थी। ट्रंप के पहले कार्यकाल में भारत में उनका ज़बरदस्त तरीके से वेलकम किया गया था, जिसकी गूँज 'नमस्ते ट्रंप' जैसे आयोजनों में पूरी दुनिया में सुनाई दी थी। लेकिन, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में उनकी 'अमेरिका फ़र्स्ट' नीति को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने के बाद दोनों नेताओं के रिश्तों में स्पष्ट बदलाव आया।
टैरिफ विवाद और संबंधों में बदलाव
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालते ही 'रेसिप्रोकल टैरिफ' (Reciprocal Tariff) की पॉलिसी पर अमल करना शुरू कर दिया। इस नीति के तहत, यदि कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी उतना ही शुल्क उस देश के उत्पादों पर लगाएगा।
शुरुआत में भारतीय प्रोडक्ट्स पर 25 फीसद अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 50 फीसद कर दिया गया था। इस टैरिफ विवाद के बाद, पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे। पीएम मोदी सोशल मीडिया पोस्ट में अक्सर ट्रंप को ‘माई फ्रेंड’ कहकर संबोधित किया करते थे, लेकिन टैरिफ विवाद के बाद इस संबोधन में भी बदलाव आया है।
हालिया बातचीत और 'माई फ्रेंड' संबोधन की गैरमौजूदगी
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच गुरुवार 11 दिसंबर को एक अरसे के बाद फोन पर बातचीत हुई। इस बातचीत के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने X पर पोस्ट कर लिखा
इस पोस्ट में गौर करने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘माई फ्रेंड’ शब्द का उल्लेख नहीं किया है। नरेंद्र मोदी के X हैंडल को खंगालने पर पता चलता है कि ट्रंप को आखिरी बार 16 सितंबर 2025 को किसी सार्वजनिक पोस्ट में ‘माई फ्रेंड’ कहकर संबोधित किया गया था। इस बदलाव को कूटनीतिक हलकों में व्यापारिक खींचतान के कारण दोनों नेताओं के निजी तालमेल में आई कमी के रूप में देखा जा रहा है।
द्विपक्षीय सहयोग पर ज़ोर
गुरुवार को हुई टेलीफोन पर बातचीत के दौरान, दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में हुई प्रगति की समीक्षा की और सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के लगातार मजबूत होने पर संतोष व्यक्त किया।
दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के साझा प्रयासों में गति बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। इसके अलावा, दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका की नीति के तहत मजबूत टेक्नोलॉजी, ऊर्जा, रक्षा एवं सुरक्षा और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।