बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम घोषित हो चुके हैं और राज्य में एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। 243 सदस्यीय विधानसभा में 202 सीटों के साथ एनडीए ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है। इस बड़ी जीत के बाद जहाँ नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की तारीफ हो रही है, वहीं भोजपुरी के 'पावरस्टार' पवन सिंह के योगदान को लेकर भी सियासी गलियारों में काफी सुगबुगाहट है।
चुनावी माहौल बनाने में पवन सिंह की भूमिका
चुनाव प्रचार के दौरान पवन सिंह ने एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में जमकर पसीना बहाया। उनके रोड शो और रैलियों में उमड़ने वाली युवाओं की भीड़ ने साबित कर दिया कि वे केवल एक कलाकार नहीं, बल्कि एक बड़े 'क्राउड पुलर' भी हैं। पवन सिंह का चुनावी गाना 'जोड़ी मोदी आ नीतीश जी के हिट होई…' पूरे चुनाव के दौरान सोशल मीडिया से लेकर गांवों की गलियों तक गूंजता रहा। जानकारों का मानना है कि इस गीत और पवन सिंह के प्रचार ने एनडीए के पक्ष में माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाई। अब चर्चा है कि भाजपा पवन सिंह को इस कड़ी मेहनत का 'रिटर्न गिफ्ट' देने की तैयारी कर रही है।
राज्यसभा का समीकरण: 2026 की तैयारी
बिहार की राजनीति में अब सबकी निगाहें राज्यसभा की खाली होने वाली सीटों पर टिकी हैं। आगामी 9 अप्रैल 2026 को बिहार से राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं। वर्तमान में इन सीटों का विवरण कुछ इस प्रकार है:
चूँकि विधानसभा में अब एनडीए के पास 200 से अधिक सीटों का प्रचंड बहुमत है, इसलिए सत्ता पक्ष का लक्ष्य इन पांचों सीटों पर कब्जा जमाना है। सूत्रों के मुताबिक, सीटों के बंटवारे के संभावित फॉर्मूले के तहत भाजपा के खाते में दो सीटें आ सकती हैं, जबकि जेडीयू को भी दो सीटें मिलने की उम्मीद है। शेष एक सीट पर चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) या जीतन राम मांझी की 'हम' दावा पेश कर सकती है।
क्या पवन सिंह बनेंगे सांसद?
अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा अपने कोटे की एक सीट से पवन सिंह को राज्यसभा भेज सकती है। इसके पीछे कई रणनीतिक कारण हैं। पवन सिंह न केवल भोजपुरी बेल्ट में बेहद लोकप्रिय हैं, बल्कि युवाओं और पिछड़ी जातियों के बीच उनकी गहरी पैठ है। उन्हें राज्यसभा भेजकर भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों और क्षेत्रीय राजनीति में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहती है।
हालांकि, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन पार्टी जिस तरह से हाल के दिनों में चौंकाने वाले फैसले ले रही है, उसे देखते हुए पवन सिंह का नाम रेस में सबसे आगे माना जा रहा है।
भाजपा में बदलाव के संकेत
बिहार चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा ने संगठन स्तर पर बड़े फेरबदल किए हैं। बिहार सरकार में मंत्री रहे नितिन नबीन को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाना और संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपना इस बात का संकेत है कि पार्टी अब नए और ऊर्जावान चेहरों पर दांव लगा रही है। ऐसे में यदि पवन सिंह को राज्यसभा भेजा जाता है, तो यह भाजपा के 'सरप्राइज फैक्टर' का ही हिस्सा होगा।