क्रिकेट की दुनिया में हार-जीत तो खेल का हिस्सा है, लेकिन जब खेल मैदान पर उतरने से पहले ही कुदरत या मानवीय गलतियों (प्रदूषण) की भेंट चढ़ जाए, तो फैंस का दिल टूट जाता है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जारी टी20 सीरीज का चौथा मुकाबला लखनऊ के इकाना स्टेडियम में बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। यह घटना क्रिकेट जगत के लिए एक नई और गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
जब बारिश नहीं, 'स्मॉग' बना विलेन
आमतौर पर क्रिकेट मैचों में बारिश खलल डालती है, लेकिन लखनऊ में जो हुआ वह चौंकाने वाला था। घने स्मॉग और बेहद खराब दृश्यता (लो विजिबिलिटी) के कारण अंपायरों को मैच रद्द करने का कठिन फैसला लेना पड़ा। मैदान पर लाइटें जलने के बावजूद खिलाड़ियों को गेंद देखने में परेशानी हो रही थी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई हार्दिक पंड्या की मास्क पहने हुए तस्वीरों ने इस समस्या की गंभीरता को दुनिया के सामने ला दिया। फैंस और खिलाड़ियों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि खेल के लिए सुरक्षित माहौल तैयार नहीं किया जा सका। उत्तर भारत में बढ़ती ठंड और प्रदूषण के स्तर ने अब आगामी मैचों के आयोजन पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं।
अहमदाबाद में 'सीरीज फाइनल' का रोमांच
लखनऊ की निराशा के बाद अब नजरें अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर टिकी हैं, जहाँ शुक्रवार शाम को सीरीज का पांचवां और आखिरी मुकाबला खेला जाना है।
सीरीज की वर्तमान स्थिति:
चूंकि लखनऊ का मैच रद्द हो गया, इसलिए दक्षिण अफ्रीका अब सीरीज जीत तो नहीं सकती, लेकिन वे इस अंतिम मुकाबले को जीतकर सीरीज को 2-2 की बराबरी पर समाप्त करने की पूरी कोशिश करेंगे। वहीं भारतीय टीम घरेलू मैदान पर जीत के साथ ट्रॉफी उठाना चाहेगी।
अहमदाबाद का मौसम और AQI की स्थिति
अहमदाबाद का मैदान अपनी तेज आउटफील्ड और बड़े स्कोर के लिए मशहूर है। फैंस के मन में सबसे बड़ा सवाल यहाँ के मौसम और हवा की गुणवत्ता (AQI) को लेकर है।
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वायु गुणवत्ता: हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अहमदाबाद का AQI 'मध्यम' श्रेणी में है। हालांकि यह पूरी तरह स्वच्छ नहीं है, लेकिन लखनऊ की तुलना में यहाँ की स्थिति काफी बेहतर है। खिलाड़ियों को यहाँ सांस लेने या विजिबिलिटी की समस्या होने की आशंका कम है।
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मैदान की परिस्थितियां: नरेंद्र मोदी स्टेडियम की ड्रेनेज व्यवस्था और लाइट सेटअप विश्व स्तरीय है। यहाँ अक्सर हाई-वोल्टेज मुकाबले होते हैं, जिससे फैंस को एक धमाकेदार टी20 मैच की उम्मीद है।
निष्कर्ष
क्रिकेट अब केवल पिच और खिलाड़ियों के कौशल तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि पर्यावरण भी इसमें एक बड़ा फैक्टर बन गया है। लखनऊ की घटना ने बोर्ड को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सर्दियों के दौरान उत्तर भारत में मैचों का समय और स्थान कैसे तय किया जाए। अब उम्मीद है कि अहमदाबाद की साफ हवा और शानदार माहौल में फैंस को वह रोमांच देखने को मिलेगा, जिसकी कमी उन्हें लखनऊ में खली।