बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना इन दिनों अपने हालिया बयानों से एक बड़े सियासी खेल की तैयारी का संकेत दे रही हैं। अगस्त 2024 के तख्तापलट के बाद अपने समर्थकों के बीच मुखर रही हसीना ने अचानक एक इंटरव्यू में चार प्रमुख मुद्दों पर यूटर्न ले लिया है। ये चारों बदलाव सीधे तौर पर अमेरिका और पाकिस्तान से संबंधित हैं, जिन्हें उनके समर्थक तख्तापलट के पीछे का मुख्य कारण मानते हैं।
🇺🇸 अमेरिका पर यूटर्न: जिम्मेदारी से इनकार
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तख्तापलट के लिए अमेरिका को जिम्मेदारी: अगस्त 2024 में, शेख हसीना और उनके कैबिनेट मंत्री (जैसे मोहिबुल हसन चौधरी) ने स्पष्ट रूप से अमेरिका, जो बाइडेन, बिल क्लिंटन और जॉर्ज सोरोस को तख्तापलट के लिए फंड इकट्ठा करने और उनकी सरकार गिराने के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
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यूनुस और पश्चिमी देश: पिछले महीने, हसीना ने मोहम्मद यूनुस को सीधे "अमेरिका का मुखौटा" बताया था।
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नया रुख (यूटर्न 2): Russia Today को दिए एक इंटरव्यू में हसीना ने इस पर भी यूटर्न लिया। उन्होंने कहा कि यूनुस के पीछे "पश्चिम के कई देश" खड़े हैं, न कि केवल अमेरिका।
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ट्रंप की तारीफ: आश्चर्यजनक रूप से, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की और कहा कि यूनुस को ट्रंप पसंद नहीं करते हैं। उन्होंने आगे कहा, "अमेरिका से मुझे कोई शिकायत नहीं है।" यह बयान अमेरिका के प्रति नरम रुख का स्पष्ट संकेत है।
🇵🇰 पाकिस्तान और द्वीप पर यूटर्न
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पाकिस्तान से संबंध: तख्तापलट के बाद शेख हसीना पाकिस्तान के खिलाफ भी मुखर थीं।
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सेंट मार्टिन द्वीप विवाद: शेख हसीना अब तक यह दावा करती रही हैं कि बंगाल की खाड़ी में स्थित सेंट मार्टिन द्वीप पर अमेरिका ने दावा किया था और जब उन्होंने यह द्वीप देने से मना कर दिया, तब उनकी सरकार गिरा दी गई।
सियासी खेल क्यों?
हसीना के ये बड़े यूटर्न बांग्लादेश में फरवरी 2026 में प्रस्तावित आम चुनाव से पहले उनकी रणनीति का हिस्सा माने जा रहे हैं। अमेरिका के प्रति नरम रुख अपनाना संभवतः पश्चिमी देशों के समर्थन को फिर से हासिल करने का प्रयास है, जो यूनुस सरकार के लिए चुनाव कराना आसान नहीं होने देगा यदि हसीना के समर्थक खुली बगावत करते हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश में जमात और बीएनपी के अलग-अलग होने से भी सियासी समीकरण बदल रहे हैं, और हसीना इन भू-राजनीतिक परिवर्तनों का लाभ उठाना चाहती हैं।