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उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में उबाल, यूनुस सरकार को 24 दिन का अल्टीमेटम

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Posted On:Monday, December 29, 2025

उस्मान हादी की मौत के बाद से बांग्लादेश में हालात लगातार बिगड़े हुए हैं। राजधानी ढाका समेत कई इलाकों में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी बीच उस्मान हादी की पार्टी इंकलाब मंच ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और उसके प्रमुख मोहम्मद यूनुस को 24 दिनों का अल्टीमेटम दे दिया है। पार्टी ने सरकार के सामने कई कड़ी मांगें रखी हैं, जिनमें हत्या के दोषियों को सजा दिलाने से लेकर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई तक शामिल है।

इंकलाब मंच की ओर से कहा गया है कि उस्मान हादी की हत्या में शामिल सभी लोगों का मुकदमा तय समय के भीतर पूरा किया जाए। इसके साथ ही पार्टी ने बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों के वर्क परमिट निलंबित करने, भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में केस दर्ज करने और खुफिया एजेंसियों में छिपे “दोषियों” की पहचान करने की मांग भी उठाई है। इन मांगों ने बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति के साथ-साथ भारत-बांग्लादेश संबंधों में भी नई हलचल पैदा कर दी है।

चुनाव अभियान के दौरान हुई थी हत्या

गौरतलब है कि उस्मान हादी, जो इंकलाब मंच के प्रवक्ता और आम चुनाव में उम्मीदवार थे, इस महीने की शुरुआत में ढाका में अपना चुनाव अभियान शुरू कर रहे थे। इसी दौरान नकाबपोश हमलावरों ने उनके सिर में गोली मार दी। इस हमले में हादी की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के तुरंत बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क उठी और हालात तेजी से बिगड़ते चले गए।

बांग्लादेशी अधिकारियों का दावा है कि इस हत्या में शामिल दो आरोपी भारत भाग गए हैं। हालांकि भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें “झूठा और मनगढ़ंत” बताया है। भारत की इस प्रतिक्रिया के बाद दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनाव और गहरा गया है।

यूनुस सरकार पर बढ़ता दबाव

डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंकलाब मंच ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार से साफ शब्दों में कहा है कि अगर 24 दिनों के भीतर न्याय नहीं मिला, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। पार्टी का कहना है कि हादी की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।

पार्टी ने विशेष रूप से बांग्लादेश में काम कर रहे भारतीय नागरिकों के वर्क परमिट निलंबित करने की मांग उठाकर सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। इसके साथ ही भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में मामला दर्ज कराने की मांग ने कूटनीतिक स्तर पर भी विवाद को जन्म दे दिया है।

हिंसा और आगजनी की घटनाएं

उस्मान हादी की हत्या के बाद से बांग्लादेश में हिंसा और आगजनी की कई घटनाएं सामने आई हैं। ढाका में उग्र भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान देश के दो प्रमुख अखबारों—प्रोथोम आलो और डेली स्टार—के मुख्य कार्यालयों को निशाना बनाया गया और उनमें आग लगा दी गई।

इसके अलावा, दो प्रगतिशील सांस्कृतिक संगठनों छायानात और उदिची शिल्पी गोष्ठी के कार्यालयों को भी आग के हवाले कर दिया गया। हालात सिर्फ राजधानी तक सीमित नहीं रहे। मयमनसिंह के मध्य क्षेत्र में एक हिंदू कारखाने के मजदूर को उग्र भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला, जिससे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

अब भी तनावपूर्ण हालात

ढाका समेत देश के कई हिस्सों में स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है। इस बीच इंकलाब मंच के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए अपनी मांगों को दोहराया है। उन्होंने कहा कि हत्यारे गिरोह के सभी सदस्यों—जिसमें सीधे हत्यारे, मुख्य साजिशकर्ता, सहयोगी, फरार होने में मदद करने वाले और शरण देने वाले लोग शामिल हैं—का मुकदमा अगले 24 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।


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