वॉशिंगटन डीसी/जोहान्सबर्ग। वैश्विक मंच पर एक बड़ा राजनयिक घटनाक्रम सामने आया है। अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा न लेने का ऐलान करते हुए, समिट का बॉयकॉट कर दिया है। व्हाइट हाउस ने इस विवादास्पद कदम के लिए सीधे तौर पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को जिम्मेदार ठहराया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका समिट में शामिल नहीं होगा। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा का "अपनी जुबान पर कंट्रोल नहीं है" और वह "अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ बहुत कुछ बोलते हैं।" लेविट ने रामफोसा की भाषा को "बिल्कुल पसंद नहीं" करने की बात कहते हुए बॉयकॉट को उचित ठहराया।
मानवाधिकार और बॉयकॉट का ऐलान
प्रेस सचिव लेविट ने स्पष्ट किया कि हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति स्वयं समिट में उपस्थित नहीं होंगे, लेकिन अमेरिका के राजदूत वहां मौजूद रहेंगे। राजदूत की भूमिका केवल यह ऐलान करना होगी कि अमेरिका ने समिट का बॉयकॉट क्यों किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बॉयकॉट के पीछे दक्षिण अफ्रीका में मानवाधिकारों के उल्लंघन का भी हवाला दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप के बॉयकॉट के ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा है कि समिट में अमेरिका की अनुपस्थिति से उनका नुकसान होगा, लेकिन इसके बावजूद शिखर सम्मेलन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किया जाएगा। यह G-20 समिट 22 और 23 नवंबर को जोहान्सबर्ग के नास्रेक एक्सपो सेंटर में आयोजित किया जाएगा।
ट्रंप G-20 छोड़कर भारत पहुंचे
G-20 समिट का बॉयकॉट करने के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वैश्विक मंच से दूर भारत में हैं। वह अपने परिवार के साथ गुजरात के जामनगर में एक निजी शादी समारोह में शिरकत करने पहुंचे हैं। भारत में उनके बेटे को आगरा में ताजमहल का दीदार करते हुए देखा गया। इसके बाद पूरा परिवार शादी में शामिल होने के लिए बीती रात जामनगर पहुंचा। इस कदम को कूटनीतिक हलकों में असामान्य माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना
एक तरफ जहां अमेरिका ने बॉयकॉट किया है, वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 7.15 बजे दक्षिण अफ्रीका के अपने 3 दिवसीय दौरे के लिए रवाना हुए हैं। वह 20वें G-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी इस मंच का उपयोग वैश्विक आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, खाद्य प्रणाली और ग्लोबल साउथ की आवाज को प्रमुखता से प्रस्तुत करने के लिए करेंगे। भारत G-20 के अलावा IBSA (भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका) की त्रिपक्षीय शिखर बैठक में भी भाग लेगा। G-20 समूह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शामिल है।