मुंबई, 18 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। उत्तर कोरिया ने अपने चर्चित वॉनसन-काल्मा बीच रिसॉर्ट को विदेशी पर्यटकों के लिए बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक बंद कर दिया है। इस रिसॉर्ट को उत्तर कोरिया की सरकार ने विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के इरादे से विकसित किया था। यह जगह किम जोंग उन के सपनों की परियोजना मानी जाती थी, जिसे उत्तर कोरिया का 'हवाई' कहा जाता है। पूर्वी तट पर स्थित यह रिसॉर्ट 2014 से निर्माणाधीन था और इसमें आलीशान होटल, समुद्र तट, जल-उद्यान, और शॉपिंग सेंटर जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। एक साथ लगभग 20,000 लोगों के ठहरने की क्षमता वाले इस रिसॉर्ट को हाल ही में 24 जून को स्थानीय नागरिकों के लिए खोला गया था।
हालांकि उत्तर कोरिया की आधिकारिक पर्यटन वेबसाइट ने इसे अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि यह फैसला एक रूसी पत्रकार की रिपोर्ट के बाद लिया गया। इस पत्रकार ने दावा किया था कि रिसॉर्ट में मौजूद 'पर्यटक' असली टूरिस्ट नहीं थे, बल्कि उन्हें सरकार द्वारा वहां भेजा गया था। यह जानकारी सामने आने से उत्तर कोरिया की अंतरराष्ट्रीय साख को नुकसान पहुंचा और शायद यही कारण रिसॉर्ट की बंदी का बना। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि रिसॉर्ट के संचालन पर अत्यधिक खर्च हो रहा था, और विदेशी पर्यटकों के अभाव में उत्तर कोरिया को डॉलर, रूबल या युआन जैसी विदेशी मुद्राएं नहीं मिल रही थीं, जिससे आर्थिक दबाव और बढ़ गया। साथ ही, यात्रा की लागत और उत्तर कोरिया की सीमित वैश्विक पहुंच के चलते भी विदेशी खासकर रूसी पर्यटकों को आकर्षित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वहीं, कुछ विशेषज्ञों के अनुसार यह भी संभव है कि सरकार ने संभावित नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए रिसॉर्ट को बंद करने का फैसला लिया हो। इस फैसले के पीछे क्या असली वजह है, यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन इतना ज़रूर है कि किम जोंग उन की ये महत्वाकांक्षी परियोजना अभी अधर में लटकती नजर आ रही है।