ताजा खबर

शेख हसीना की बढ़ेंगी मुश्किलें, 17 नवंबर को कोर्ट सुनाएगा फैसला; सेना ने संभाला मोर्चा

Photo Source :

Posted On:Thursday, November 13, 2025

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें लगातार बढ़ती नज़र आ रही हैं। देश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह पूर्व पीएम के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मामले में 17 नवंबर को फैसला सुनाएगा। यह फैसला जुलाई 2024 में हुए छात्र विद्रोह से संबंधित सैकड़ों लोगों की हत्या और मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोपों पर आधारित है।आईसीटी के इस फैसले की तारीख के ऐलान ने बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में गहरे तनाव को जन्म दे दिया है, जहां पहले से ही अस्थिरता का माहौल है।

राष्ट्रव्यापी बंद और सुरक्षा कड़ी

न्यायाधिकरण के आदेश के ठीक बाद, शेख हसीना की पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग ने राष्ट्रव्यापी बंद (हड़ताल) का आह्वान किया है। आज सुबह से शाम तक घोषित इस बंद का असर ढाका समेत देश के कई महत्वपूर्ण शहरों में देखा जा रहा है, जहां सामान्य जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है।

किसी भी अप्रिय घटना या विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए बांग्लादेश में सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया है। देश के प्रमुख स्थानों पर सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। न्यायाधिकरण परिसर के आसपास भी सख्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं, और सत्र के दौरान मीडिया तथा आम जनता की पहुंच सीमित कर दी गई है। अवामी लीग के नेताओं ने इन आरोपों के पीछे राजनीतिक प्रतिशोध की भावना का आरोप लगाया है।

अंतरिम सरकार और यूनुस का नेतृत्व

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब यूनुस सरकार ने अवामी लीग और उससे संबंधित संगठनों की गतिविधियों पर पहले ही प्रतिबंध लगा रखा है। पार्टी नेता सोशल मीडिया के माध्यम से बंद के आह्वान को बढ़ावा दे रहे हैं, जो यूनुस सरकार के प्रतिबंधों के बावजूद अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने का एक प्रयास है।

गौरतलब है कि जुलाई 2024 में छात्रों के नेतृत्व वाले एक व्यापक विद्रोह ने शेख हसीना की लगभग डेढ़ दशक पुरानी सरकार को उखाड़ फेंका था। देश में बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों के बीच, पूर्व प्रधानमंत्री 5 अगस्त 2024 को देश छोड़कर भारत आ गई थीं, जहाँ वह वर्तमान में एक सुरक्षित स्थान पर हैं। उनके पद छोड़ने के बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के मुख्य सलाहकार के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई के विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अनुमानित रूप से 1,400 लोग मारे गए थे। इन्हीं मौतों के संबंध में शेख हसीना पर मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोप लगाए गए हैं। अभियोजन पक्ष ने सुनवाई के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री के लिए मृत्युदंड तक की मांग की है।

आगे की राह: राजनीतिक अस्थिरता का डर

शेख हसीना के खिलाफ आने वाला यह फैसला बांग्लादेश की राजनीति की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है। यह मुकदमा खुद उस इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल में चल रहा है जिसका गठन हसीना की सरकार ने ही युद्ध अपराधियों पर मुकदमा चलाने के लिए किया था। एक तरफ जहां अंतरिम सरकार इन मुकदमों को अपनी मजबूत पकड़ के तौर पर देख रही है, वहीं अवामी लीग इन्हें बदले की राजनीति करार दे रही है। 17 नवंबर को आने वाला फैसला न केवल शेख हसीना के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि देश में राजनीतिक अस्थिरता को और गहरा सकता है, जिससे बांग्लादेश में शांति और लोकतंत्र की स्थापना की राह चुनौतीपूर्ण हो सकती है।


आगरा और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. agravocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.