भारतीय पंचांग के अनुसार आश्विन माह का प्रत्येक दिन पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ होता है। 8 सितंबर 2025, सोमवार को आश्विन माह का प्रथम दिन है और इसी के साथ श्राद्ध पक्ष की शुरुआत भी हो चुकी है। यह दिन प्रतिपदा श्राद्ध के लिए समर्पित है, जो उन पितरों के लिए किया जाता है जिनका देहांत प्रतिपदा तिथि को हुआ था।
प्रतिपदा श्राद्ध का महत्व
श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष में प्रत्येक तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन नाना-नानी का भी श्राद्ध किया जा सकता है। मान्यता है कि श्राद्ध करने से पितर तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। इसलिए, धार्मिक दृष्टिकोण से आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।
श्राद्ध पूजा के मुहूर्त (8 सितंबर 2025)
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🔹 कुतुप मुहूर्त: सुबह 11:53 बजे से 12:44 बजे तक
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🔹 रौहिण मुहूर्त: दोपहर 12:44 बजे से 01:34 बजे तक
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🔹 अपराह्न काल: दोपहर 01:34 बजे से 04:04 बजे तक
इन्हीं तीन समय खंडों में श्राद्ध पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
आज का पंचांग विवरण
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तिथि: आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, जो सुबह 9:12 बजे तक रहेगी। इसके बाद द्वितीया तिथि का आरंभ हो जाएगा।
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योग: सुबह 6:30 बजे तक धृति योग, उसके बाद दिनभर शूल योग
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नक्षत्र: पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र रात्रि 08:02 बजे तक, फिर उत्तरभाद्रपदा नक्षत्र
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करण:
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बालव करण सुबह 10:28 बजे तक
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इसके बाद कौलव करण रात 9:12 बजे तक
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फिर तैतिल करण देर रात तक रहेगा
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दिशा शूल: आज पूर्व दिशा में यात्रा वर्जित मानी गई है।
सूर्य, चंद्र और ग्रह स्थिति
नवग्रहों की स्थिति (8 सितंबर 2025)
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सूर्य, बुध और केतु: सिंह राशि में
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मंगल: कन्या राशि में
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शुक्र: कर्क राशि में
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गुरु (बृहस्पति): मिथुन राशि में
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शनि: मीन राशि में
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राहु: कुंभ राशि में
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चंद्रमा: दिन में मीन, रात में मेष राशि में
ग्रहों की यह चाल विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालेगी, खासकर कुंभ, मीन और सिंह राशि के जातकों के लिए यह दिन विशेष सावधानी बरतने वाला हो सकता है।
निष्कर्ष
सितंबर 2025 का दिन आध्यात्मिक और पितृ कार्यों के लिए बेहद खास है। श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होने के कारण यह दिन पितरों की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर है। सही मुहूर्त में विधिपूर्वक श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
इसी के साथ आश्विन माह की शुरुआत होने के चलते अब नवरात्रि, दुर्गा पूजा, शरद पूर्णिमा जैसे बड़े पर्व भी इसी महीने में आने वाले हैं। धार्मिक दृष्टि से यह माह अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है।