मुंबई, 26 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)   'डूमस्क्रोलिंग' जिसे अब तक सिर्फ समय की बर्बादी और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता था, अब एक करियर ऑप्शन बन गई है। हाल ही में, मुंबई स्थित एक एंटरटेनमेंट कंपनी के सह-संस्थापक ने लिंक्डइन पर एक ऐसी नौकरी की घोषणा की है, जिसमें उम्मीदवारों को घंटों तक रील्स और सोशल मीडिया कंटेंट देखने के लिए पैसे दिए जाएंगे। इस नौकरी ने सोशल मीडिया पर खूब हलचल मचा दी है।
क्या है यह 'अनोखी' नौकरी?
मुंबई स्थित कंपनी 'मोंक एंटरटेनमेंट' के सीईओ, विराज शेठ ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट साझा करते हुए "डूमस्क्रोलर्स" को काम पर रखने की बात कही है। यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो दिन में कम से कम 6 घंटे इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर स्क्रोल करने के आदी हैं। इस पोस्ट के अनुसार, नौकरी के लिए आवेदन करने वालों को अपने स्क्रीन टाइम के स्क्रीनशॉट भेजने होंगे ताकि यह साबित हो सके कि वे सचमुच 'डूमस्क्रोलर्स' हैं।
यह नौकरी सिर्फ बेतरतीब स्क्रोलिंग के बारे में नहीं है। इसमें 'इरादतन' स्क्रोलिंग की आवश्यकता है। उम्मीदवारों को ट्रेंड्स को पहचानना, नए क्रिएटर्स की खोज करना, और वायरल कंटेंट पर गहरी नज़र रखनी होगी। यह काम एक तरह से 'सोशल मीडिया रिसर्चर' का है, लेकिन इसमें आपका अंगूठा लगातार स्क्रोलिंग पर रहेगा।
क्यों है यह जॉब खास?
यह नौकरी उन युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका है जिन्हें अक्सर सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने के लिए डांटा जाता है। कई लोगों ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मज़ाक में कहा कि वे इस नौकरी के लिए 'अति योग्य' (overqualified) हैं। यह दिखाता है कि कैसे एक आदत, जिसे बुरी माना जाता है, अब एक डिमांडेड स्किल बन सकती है।
हालांकि, कुछ एचआर विशेषज्ञों ने इस ट्रेंड पर चिंता भी जताई है। उनका कहना है कि लंबे समय तक लगातार स्क्रोलिंग करने से मानसिक स्वास्थ्य, रचनात्मकता और सीखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि इस तरह की भूमिकाओं का भविष्य में करियर विकास कैसे होगा।
इस अनूठी नौकरी की पेशकश से यह बात साफ हो गई है कि डिजिटल युग में टैलेंट की परिभाषा तेजी से बदल रही है। यह नौकरी उन लोगों के लिए एक अवसर है जो सोशल मीडिया की दुनिया की गहरी समझ रखते हैं और इस ज्ञान को एक रचनात्मक और लाभदायक करियर में बदलना चाहते हैं।