प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिवाली से पहले हुई कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है, जो करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को राहत देने वाला है। इस बैठक में केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते (Dearness Allowance - DA) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से लागू मानी जाएगी, जिससे अब महंगाई भत्ता 55% से बढ़कर 58% हो गया है। इस फैसले से 49 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और लगभग 69 लाख पेंशनर्स को सीधा फायदा मिलेगा।
सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों को तीन महीने का एरियर भी मिलेगा, जो उनके त्योहारों के खर्च में मदद करेगा। हालांकि, इस बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के खजाने पर हर साल करीब 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। फिर भी, इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, खासकर त्योहारी सीजन को देखते हुए।
यह इस साल का दूसरा मौका है जब केंद्र सरकार ने डीए बढ़ाया है। इससे पहले मार्च 2025 में डीए में 2% की वृद्धि की गई थी। अब अक्टूबर में एक और बढ़ोतरी के साथ यह स्पष्ट है कि सरकार अपने कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए कदम उठा रही है।
डीए यानी महंगाई भत्ता क्या होता है?
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance - DA) वह राशि होती है, जो कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई की मार से राहत देने के लिए दी जाती है। यह एक प्रकार का भत्ता है जो मुख्य रूप से महंगाई की दर पर आधारित होता है। इसकी गणना ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आधार पर की जाती है और इसे हर छह महीने में संशोधित किया जाता है।
डीए न केवल महंगाई के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारियों की क्रय शक्ति प्रभावित न हो।
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
डीए में की गई 3 प्रतिशत की यह वृद्धि मासिक वेतन पर नहीं, बल्कि बेसिक सैलरी पर लागू होती है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है, तो 3% डीए बढ़ने पर उसे ₹540 अतिरिक्त मिलेंगे। इस तरह कुल सैलरी बढ़कर ₹28,440 हो जाएगी।
अगर किसी कर्मचारी की कुल सैलरी ₹60,000 है और उसकी बेसिक सैलरी ₹33,000 है, तो अब डीए बढ़ने के बाद उसे ₹990 अतिरिक्त मिलेंगे, जिससे बेसिक + डीए मिलाकर कुल ₹34,800 हो जाएगा। तीन महीने के एरियर के रूप में उसे ₹2,970 का लाभ होगा।
निष्कर्ष
इस तरह की डीए वृद्धि भले ही बहुत बड़ी रकम न लगे, लेकिन यह समय पर की गई राहत है, जो त्योहारों के मौसम में कर्मचारियों और पेंशनर्स को थोड़ी वित्तीय सहूलियत देती है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार महंगाई को लेकर सजग है और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए लगातार कदम उठा रही है।