भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन एंड रेगुलेशन एक्ट, 2025 को लागू कर दिया है, जो कि 2 अक्टूबर 2025 से पूरे देश में प्रभावी हो गया है। इस नए कानून के तहत अब देश में ऑनलाइन मनी गेम्स यानी पैसे लगाकर खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
यदि कोई व्यक्ति इस प्रतिबंध के बावजूद पैसे वाले गेम खेलते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है, जिसमें आर्थिक दंड के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। सरकार ने इस कानून को लागू करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि अब ऑनलाइन गेमिंग को एक नियमित और नियंत्रित क्षेत्र बनाया जाएगा, जहां केवल सुरक्षित, मनोरंजक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य गेमिंग की अनुमति होगी।
क्यों लाया गया यह नया कानून?
ऑनलाइन मनी गेमिंग से जुड़े सामाजिक और वित्तीय जोखिम अब गंभीर रूप ले चुके थे। सरकार के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में कई युवा खिलाड़ियों ने ऑनलाइन गेमिंग में भारी आर्थिक नुकसान झेलने के बाद आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठाए।
इसके अलावा, सरकार और जांच एजेंसियों ने यह आशंका भी जताई थी कि कुछ ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) और आतंकवादी फंडिंग जैसे आपराधिक गतिविधियों में किया जा सकता है।
इन तमाम खतरों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने यह कदम उठाया ताकि इस तेजी से बढ़ती इंडस्ट्री को नियमित किया जा सके और आम जनता को इससे होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
गेमिंग प्लेटफॉर्म का बदलाव
इस कानून के लागू होने के बाद, कई प्रमुख गेमिंग कंपनियों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। Dream11, Games24x7, MPL और WinZO जैसे प्लेटफॉर्म ने पैसे वाले गेम्स को बंद कर दिया है। अब ये कंपनियां अपना ध्यान ई-स्पोर्ट्स, सोशल गेमिंग और अन्य इंटरैक्टिव गेमिंग फॉर्मेट्स की ओर मोड़ रही हैं।
इन प्लेटफॉर्म्स की कमाई का बड़ा हिस्सा पहले मनी गेम्स से आता था, लेकिन अब उन्हें नए वैकल्पिक मॉडल तलाशने होंगे। इससे जहां एक ओर कंपनियों को चुनौती मिलेगी, वहीं दूसरी ओर यह इंडस्ट्री नए अवसरों की तलाश में आगे बढ़ेगी।
सरकार का रुख और भविष्य की दिशा
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह कानून इस क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव लाएगा। उन्होंने कहा, “हमने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले मामलों को देखा है। इसलिए यह जरूरी हो गया था कि हम ठोस कदम उठाएं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर गेमिंग इंडस्ट्री ने समय रहते ठोस कदम उठाए होते, तो शायद यह सख्त कानून टाला जा सकता था।
सरकार अब ई-स्पोर्ट्स और गेम डेवलपमेंट को बढ़ावा देना चाहती है और भारत को इस क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनाना चाहती है। मंत्री ने दोहराया कि ऑनलाइन मनी गेमिंग एक सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्या बन गई थी, लेकिन सही दिशा में काम करके भारत गेमिंग और तकनीक के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकता है।
निष्कर्ष
ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने एक साहसिक और जिम्मेदार फैसला लिया है। यह कानून जहां एक ओर समाज को नुकसान से बचाएगा, वहीं दूसरी ओर गेमिंग इंडस्ट्री को नए रचनात्मक और सुरक्षित रास्तों पर आगे बढ़ने का मौका देगा। भारत में अब गेमिंग केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि विकास और तकनीकी नवाचार का केंद्र बन सकता है।