आज यानी गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों के साथ-साथ MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) और NCDEX भी दोनों सत्रों (सुबह और शाम) के लिए बंद रहेंगे। यह साल 2025 की 14वीं और अंतिम निर्धारित छुट्टी है। शुक्रवार, 26 दिसंबर से बाजार एक बार फिर सामान्य रूप से काम करना शुरू करेंगे।
वैश्विक बाजारों का हाल: 'सांता क्लॉज' मोड में दुनिया
भारत के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी वित्तीय बाजारों में क्रिसमस का असर दिख रहा है:
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अमेरिका: अमेरिकी बाजार आज बंद हैं और कल से कारोबार शुरू करेंगे।
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यूरोप: जर्मनी के बाजार 24 और 25 दिसंबर को पूरी तरह बंद रहे। ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों में भी क्रिसमस और 'बॉक्सिंग डे' (26 दिसंबर) के कारण लंबी छुट्टियां हैं।
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एशिया: हांगकांग जैसे बाजारों में क्रिसमस की लंबी छुट्टियां मनाई जा रही हैं।
2026 की हॉलिडे लिस्ट: निवेशकों के लिए क्या है नया?
शेयर एक्सचेंजों ने साल 2026 के लिए आधिकारिक कैलेंडर जारी कर दिया है। अगले साल निवेशकों को 15 छुट्टियां मिलेंगी, जो इस साल की तुलना में एक अधिक है।
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प्रमुख छुट्टियां: साल की शुरुआत 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) से होगी। इसके बाद होली (3 मार्च), राम नवमी (26 मार्च), और महाराष्ट्र दिवस (1 मई) जैसे दिनों पर कारोबार बंद रहेगा।
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दिवाली का पेंच: 2026 की लिस्ट में एक दिलचस्प बात यह है कि दिवाली के लिए अलग से छुट्टी का उल्लेख नहीं है क्योंकि यह रविवार (वीकेंड) को पड़ रही है। हालांकि, हर साल की तरह 'मुहूर्त ट्रेडिंग' का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा।
बाजार का वर्तमान रुख: बुधवार की गिरावट और आरबीआई के कदम
क्रिसमस की छुट्टी से ठीक पहले, बुधवार को घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती देखी गई। सेंसेक्स 116 अंक गिरकर 85,408 पर और निफ्टी 35 अंक की मामूली गिरावट के साथ 26,142 पर बंद हुआ। रिलायंस, टाटा स्टील और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे बड़े शेयरों में बिकवाली का दबाव रहा।
आरबीआई का 'लिक्विडिटी बूस्टर': बाजार में नकदी (Liquidity) के प्रवाह को सुधारने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़े कदम उठाए हैं। आरबीआई ने घोषणा की है कि वह बैंकिंग प्रणाली में 2 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड खरीदेगा और 10 अरब डॉलर का 'स्वैप' ऑपरेशन करेगा। जानकारों का मानना है कि यह कदम 29 दिसंबर 2025 से 22 जनवरी 2026 के बीच बाजार को स्थिरता प्रदान करेगा।
विशेषज्ञों की राय
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के विशेषज्ञों के अनुसार, कम कारोबारी सत्रों वाले इस सप्ताह में बाजार सीमित दायरे में रहा है। आरबीआई के तरलता बढ़ाने वाले उपायों से आने वाले दिनों में मुद्रा के उतार-चढ़ाव को थामने और बैंकिंग प्रणाली को मजबूती मिलने की उम्मीद है।