भारत के केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान एक ऐसा खुलासा किया है, जिसने वैश्विक कूटनीति और खुफिया हलकों में चर्चा छेड़ दी है। गडकरी ने बताया कि उनकी मुलाकात हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया से उसकी हत्या के महज कुछ घंटे पहले ईरान की राजधानी तेहरान में हुई थी।
नितिन गडकरी का यह अनुभव न केवल सनसनीखेज है, बल्कि यह आधुनिक युद्ध और सुरक्षा के बदलते स्वरूप को भी दर्शाता है।
तेहरान की वह आखिरी शाम: नितिन गडकरी की आपबीती
नितिन गडकरी ने बताया कि यह घटना बीते साल की है, जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूत के रूप में ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान गए थे।
1. अनौपचारिक मुलाकात और प्रोटोकॉल
गडकरी के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह से पहले एक फाइव-स्टार होटल में विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधि चाय-कॉफी पर अनौपचारिक रूप से चर्चा कर रहे थे। वहीं उनकी मुलाकात इस्माइल हानिया से हुई। गडकरी ने कहा, "वहां कई देशों के प्रमुख मौजूद थे, लेकिन एक व्यक्ति जो राष्ट्राध्यक्ष नहीं था, वह हमास नेता इस्माइल हानिया था। मैंने उन्हें राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश के साथ समारोह में जाते देखा था।" गडकरी ने उस वक्त हानिया को एक सामान्य अतिथि के रूप में देखा था, बिना यह जाने कि अगले कुछ घंटों में क्या होने वाला है।
2. सुबह 4 बजे का वह खौफनाक संदेश
शपथ ग्रहण के बाद नितिन गडकरी अपने होटल लौट आए थे। लेकिन तड़के सुबह करीब 4 बजे, ईरान में भारत के राजदूत उनके कमरे में आए और उन्हें तुरंत निकलने के लिए कहा। गडकरी ने जब कारण पूछा, तो उन्हें बताया गया कि हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई है। गडकरी ने इस घटना पर हैरानी जताते हुए कहा कि वे यह सुनकर स्तब्ध रह गए थे कि जिस व्यक्ति को उन्होंने कुछ घंटे पहले जीवित देखा था, वह अब नहीं रहा।
3. तकनीक और सुरक्षा का सबक
गडकरी ने इस घटना का जिक्र करते हुए आधुनिक तकनीक के खतरों और सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि हानिया की हत्या आज भी एक पहेली बनी हुई है।
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हत्या का तरीका: कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि हानिया के मोबाइल फोन के इस्तेमाल से उनकी लोकेशन ट्रैक की गई, जबकि कुछ इसे एक रिमोट बम ब्लास्ट बताते हैं।
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इजरायल का उदाहरण: इस घटनाक्रम को साझा करते हुए गडकरी ने इजरायल की सैन्य और तकनीकी ताकत की सराहना की। उन्होंने कहा कि एक छोटा देश होने के बावजूद इजरायल ने अपनी तकनीक के दम पर दुनिया में धाक जमाई है। उन्होंने संदेश दिया कि यदि कोई देश तकनीकी और सामरिक रूप से मजबूत है, तो कोई भी उस पर आंख उठाकर नहीं देख सकता।
4. भारत का रुख
नितिन गडकरी का यह बयान भारत की उस कूटनीतिक स्थिति को भी स्पष्ट करता है जहाँ भारत एक तरफ वैश्विक मंचों पर सभी पक्षों के साथ संवाद रखता है, वहीं दूसरी ओर आतंकवाद और सुरक्षा के मुद्दों पर तकनीकी श्रेष्ठता का पक्षधर है।