ताजा खबर

World Weightlifting Championship 2025: मीराबाई चानू का बड़ा कमाल, चांदी जीतकर रचा इतिहास, उठाया इतना वजन

Photo Source :

Posted On:Friday, October 3, 2025

टोक्यो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट और भारत की वेटलिफ्टिंग क्वीन मीराबाई चानू ने एक बार फिर देश का नाम दुनिया के मंच पर रोशन कर दिया है। नॉर्वे के फोर्डे में आयोजित वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2025 में मीराबाई ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक (सिल्वर मेडल) अपने नाम किया।

उन्होंने कुल 199 किलोग्राम वजन (84 किग्रा स्नैच + 115 किग्रा क्लीन एंड जर्क) उठाकर न केवल पोडियम पर जगह बनाई, बल्कि भारत को तीन साल बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पदक दिलाने वाली खिलाड़ी भी बनीं।

गोल्ड से सिर्फ 12 किलोग्राम दूर

मीराबाई चानू के प्रदर्शन में किसी चीज की कमी नहीं थी, बस गोल्ड मेडल उनसे 12 किलोग्राम दूर रह गया। इस कैटेगरी में नॉर्थ कोरिया की एथलीट री सोंग गुम ने 213 किलोग्राम वजन उठाकर गोल्ड मेडल जीता, जबकि चीन की थान्याथन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। लेकिन मीराबाई की ताकत और संतुलन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब भी बड़े मंच की बात आती है, भारत की मीराबाई चानू का कोई मुकाबला नहीं


वर्ल्ड चैंपियनशिप में ऐतिहासिक उपलब्धि

इस शानदार प्रदर्शन के साथ मीराबाई चानू ने विश्व वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप के इतिहास में भारत की ओर से सबसे ज्यादा पदक जीतने वाली तीसरी खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया है।

अब उनके नाम इस चैंपियनशिप में कुल तीन पदक हो गए हैं:

  • 2017 (Anaheim) – गोल्ड मेडल (48 किग्रा वर्ग)

  • 2022 (Bogota) – सिल्वर मेडल (49 किग्रा वर्ग)

  • 2025 (Forde) – सिल्वर मेडल (48 किग्रा वर्ग)

यह उपलब्धि उन्हें कुंजरानी देवी और कर्णम मल्लेश्वरी जैसे महान वेटलिफ्टर्स की श्रेणी में ला खड़ा करती है। कुंजरानी देवी ने इस टूर्नामेंट में भारत के लिए 7 सिल्वर मेडल, जबकि कर्णम मल्लेश्वरी ने 2 गोल्ड और 2 ब्रॉन्ज (कुल 4 मेडल) जीते थे।


भारत को मिला 18वां वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल

मीराबाई के इस सिल्वर मेडल के साथ भारत के वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में कुल मेडल की संख्या 18 हो गई है। इसमें शामिल हैं:

  • 3 गोल्ड

  • 10 सिल्वर

  • 5 ब्रॉन्ज

चौंकाने वाली बात यह है कि ये सभी पदक महिलाओं द्वारा जीते गए हैं, जो भारतीय महिला खिलाड़ियों की अद्भुत ताकत और क्षमता को दर्शाता है।


क्यों खास है मीराबाई की वापसी?

इस टूर्नामेंट से पहले मीराबाई चोटों और फिटनेस की चुनौतियों से जूझ रही थीं। लेकिन उन्होंने हर बार की तरह इस बार भी जबरदस्त कमबैक किया और यह दिखा दिया कि वह अभी भी भारतीय वेटलिफ्टिंग की सबसे चमकदार सितारा हैं।

उनकी यह उपलब्धि ना सिर्फ खेल के मैदान पर प्रेरणादायक है, बल्कि उन तमाम युवा खिलाड़ियों के लिए भी उम्मीद की किरण है जो कड़ी मेहनत और जज्बे से कुछ बड़ा करना चाहते हैं।


निष्कर्ष

मीराबाई चानू का यह सिल्वर मेडल सिर्फ एक और मेडल नहीं है, यह भारत के खेल इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय है। वह साबित कर चुकी हैं कि जब देश की बात आती है, तो वह हर भार अपने कंधों पर उठाने को तैयार हैं — चाहे वो लोहे का हो या उम्मीदों का। भारत को मीराबाई पर गर्व है, और खेल प्रेमियों को अब अगली उपलब्धि का इंतजार है — शायद पेरिस ओलंपिक 2028 में एक और स्वर्णिम कहानी।


आगरा और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. agravocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.